ओलम्पिक स्थगित होने से शुरू में निराशा हुई थी : रानी रामपाल
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा है कि जब टोक्यो ओलम्पिक के स्थगित होने की खबर आई थी तब खिलाड़ियों के लिए इसे पचा पाना आसान नहीं था लेकिन अब सभी ने इसे कबूल कर लिया है।
भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीम के संभावित कोर खिलाड़ी इस समय बेंगलुरू स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा ले रहे हैं।
रानी ने आईएएनएस से कहा, हमने हाल ही में हल्की गतिविधियां शुरू की हैं। हॉकी खेले हुए हर किसी को लंबा समय हो गया है इसलिए प्रशिक्षकों ने ऐसा कार्यक्रम बनाया है जिसके माध्यम से हम धीमी शुरुआत करेंगे और धीरे-धीरे लय में आएंगे।
उन्होंने कहा, हमने बीते महीने फिटनेस एक्सरसाइज की हैं, लेकिन मैदान पर आने पर शरीर पर जो दबाव पड़ता है वो अलग है। यही वो चीज है जिस पर हम धीरे-धीरे काम करेंगे।
कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के चलते खिलाड़ी यहां चार महीने तक फंसे रहे थे। जून के मध्य में हालांकि सभी अपने घर गए थे और फिर शिविर के लिए वापस लौटे हैं।
रानी ने कहा, यह काफी मुश्किल है। हम यहां चार महीनों के लिए थे, अपने परिवार वालों से दूर। लेकिन अच्छी बात यह थी कि हम सुरक्षित वातावरण में थे।
उन्होंने कहा, लोग अपने घरों से बाहर नहीं जा पा रहे थे इसलिए बाहर काफी पेनिक वाली स्थिति थी। लेकिन हम कैम्पस के अंदर सभी तरह से सुरक्षित थे। हमारे पास यहां घूमने को जगह है जो बाहर वाले लोगों के पास नहीं थी। यह हमारे लिए अच्छी बात थी।
रानी ने कहा, ओलम्पिक स्थगित कर दिए गए यह काफी निराशाजनक था। हम खिलाड़ी चार साल काफी मेहनत करते हैं और फिर यह अचानक से स्थगित हो जाए तो इसका मतलब है कि हमें शारीरिक और मानसिक तौर पर उसी तरह से एक और साल मेहनत करनी पड़ेगी।
हाल ही में खेल रत्न के लिए चुनी जाने वाली रानी ने कहा, एक सकारात्मक पहलू इसका यह है कि हमें तैयारी के लिए एक साल और मिल गया और यह ऐसी चीज है जो पूरे विश्व को मिली है सिर्फ भारतीय टीम को नहीं।
उन्होंने कहा, लेकिन अब हमने स्थगन की बात को कबूल कर लिया है। हर किसी ने मानसिकता बना ली है कि उसे अगले साल होने वाले ओलम्पिक खेलों की तैयारी करनी हैं।
रानी ने कहा कि टीम की सीनियर खिलाड़ियों ने युवा खिलाड़ियों को सुरक्षित माहौल की अहमियत बताने की जिम्मेदारी ले ली है।
उन्होंने कहा, यह हम सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि हम युवा खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करें। हमें उन्हें इस महामारी में स्वास्थ रहने की अहमियत बतानी होगी। जब हम युवा होते हैं तो हम चीजों को हल्के में लेते हैं। यह सिर्फ अनुभव से आता है कि क्या जरूरी है क्या नहीं।
उन्होंने कहा, हम यहां खिलाड़ियों को यह भी याद दिलाते रहते हैं कि हमारा लक्ष्य क्या है। हमारा मकसद ओलम्पिक पदक जीतना है और मैं यह बात हर किसी को याद दिलाती रहती हूं।
एकेयू/जेएनएस
Created On :   23 Aug 2020 3:30 PM IST