क्रिकेट: साइमन टॉफेल ने कहा, अंपायर कानून नहीं बनाते, हम उन्हें लागू करते हैं

Umpires dont make laws, we enforce them: Simon Toffel (IANS Exclusive)
क्रिकेट: साइमन टॉफेल ने कहा, अंपायर कानून नहीं बनाते, हम उन्हें लागू करते हैं
क्रिकेट: साइमन टॉफेल ने कहा, अंपायर कानून नहीं बनाते, हम उन्हें लागू करते हैं

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अंपायर साइमन टॉफेल का मानना है कि क्रिकेट के लौटने से पहले अंपायरों को अपने निर्णय स्किल्स पर काम करने के लिए काफी हद तक अभ्यास मैच या ट्रायल मैच में भाग लेने की जरूरत होगी। आईसीसी द्वारा पांच बार सर्वश्रेष्ठ अंपायर चुने गए टॉफेल ने आईएएनएस से एक विशेष साक्षात्कार में कहा, क्रिकेट के खेल के बारे में एक चीज अनोखा है कि हम जिस तरह से खेलते हैं, उस तरह से अभ्यास नहीं करते हैं। हां, हमें नेट नेशंस और अन्य चीजें मिली हैं। लेकिन अंतत: यह सही मायनों में प्रशिक्षण का अनुकरण नहीं है।

उन्होंने कहा, फिटनेस, हमेशा महान है। यह एक आधार है। मूलभुत है। अंपायरों के लिए, यह ज्ञान में बुनियादी बातों में से एक है। लेकिन वे अपने निर्णय स्किल्स पर अभ्यास और काम करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि वे बाहर नहीं निकल सकते हैं। इसे करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक, वास्तव में मैचों में हैं।

पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल ने हाल में कहा था कि गेंदबाजों की मदद के लिए बॉल टेंपरिंग को मंजूरी दे देनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि यह फैसला किस तरह से अंपायरों की भूमिका में बदलाव लाएगा, टॉफेल ने कहा, मैं इस समय खेल से ज्यादा दूर नहीं जाऊंगा। जब सरकारी तंत्र और कानून निमार्ता एक बार चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बातचीत करेंगे और वे जब चिकित्सा सलाह को ध्यान में रखेंगे तो फिर देखेंगे कि क्या होगा।

उन्होंने कहा, इस मामले में शिक्षित लोगों के साथ एक सकारात्मक चर्चा होगी। वे खिलाड़ियों और अंपायरों के सर्वोत्तम हितों के लिए दृढ़ संकल्प होंगे। वे व्यावहारिक रूप से इसे देखेंगे और बल्ले तथा गेंद के बीच संतुलन भी बनाएंगे। क्रिकेट में अंपायर कानून नहीं बनाते। हम सिर्फ उन्हें लागू करते हैं।

दर्शकों के बिना खाली स्टेडियम में क्रिकेट शुरू किए जाने के बारे में पूछे जाने पर टॉफेल ने कहा, एक क्रिकेट अंपायर के रूप में, यह (खचाखच भरे दर्शक) बहुत सारे फायदे और नुकसान लेकर आती है। इसके कमियों में शोर और व्याकुलता शामिल है। इसलिए, शोरगुल और दर्शकों से भरे स्टेडियम में काम करना बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है। फायदा, इस संदर्भ में हैं कि आप अपने प्रदर्शन को बढ़ाते हैं।

उन्होंने कहा, मैं लगभग 300 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में ऑन-फील्ड, थर्ड अंपायर या फिर फोर्थ अंपायर की भूमिका में रहा हूं। इनमें अधिकतर मैचों में काफी दर्शक रहे हैं। इतने ही मैच ऐसे भी रहे हैं, जो बिना दर्शकों के रहे हैं। हर पेशेवर खेल में और जीवन के हर मोड़ पर हम इसका अनुसरण करते हैं। हमें जो करना है हम उसी को अपनाएंगे।

टॉफेल ने कहा, कुछ बुनियादी बातें हैं। हमें यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि जब हम टीवी पर मैच देखते हैं, तो इसका मतलब है कि हम सामुदायिक स्तर पर भी खेल खेल सकते हैं। हमें सुरक्षा और लोगों के हितों के मूल सिद्धांतों को सही से सुनिश्चित करने की जरूरत है।

 

Created On :   13 May 2020 5:00 PM IST

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