खुलासा : रवि की कंपनियों में 2500 करोड़ की हेरा-फेरी

खुलासा :  रवि की कंपनियों में 2500 करोड़ की हेरा-फेरी
इनकम टैक्स छापा

सुनील हजारी, नागपुर । इनकम टैक्स विभाग ने 10 मई को एक बड़ी टैक्स चोरी पर छापा मारा, जिसकी कार्रवाई 7 दिन बाद भी जारी रही। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामला कितना बड़ा है। विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रवि अग्रवाल के एल-7 ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों में करीब 2500 करोड़ रुपए की हेरा-फेरी मिली है। यह पैसा एल-7 ग्रुप से जुड़ी शेल कंपनियों से रवि के पास आया था, लेकिन इन कंपनियों में पैसा कहां से आया, इसका हिसाब नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही रवि अग्रवाल के मुंबई घाटकोपर स्थित कंपनियों के कार्यालय, बैंक और घर में जमकर ड्रामा चला। उसकी कुछ जानकारी सूत्रों के जरिए हम तक पहुंची है। उल्लेखनीय है कि 10 मई को इनकम टैक्स ने रवि अग्रवाल के अलावा शैलेश लखोटिया, पारस जैन, लाला जैन, प्यारे खान, कन्नी उर्फ कन्हैया थावरानी, गोपी मालू, हेमंत तन्ना, इजराइल सेठ, और सीए रवि बानखेड़े के घर और कार्यालय में छापा मारा था। यह कार्रवाई एक साथ नागपुर के अलावा मुंबई, कानपुर, अहमदाबाद में भी की गई।

कार्रवाई से बचने दिया ऑफर

इस कार्रवाई से जुड़े सूत्रों के अनुसार, रवि अग्रवाल के मुंबई स्थित घर पर जैसे ही इनकम टैक्स की टीम छापे के लिए पहुंची, तो उनके होश उड़ गए। यह कार्रवाई 10 मई की सुबह करीब 6 बजे की गई। तब रवि सोया हुआ था। पहले नौकरों और स्टॉफ ने आना-कानी की, मगर अफसरों की सख्ती के बाद रवि को बुलाया गया और कार्रवाई शुरू की गई। कुछ घंटों के बाद जैसे ही टीम ने एक के बाद एक कथित कंपनियों की फाइलें खोलना शुरू की, रवि घबरा गया। सूत्रों के अनुसार, उसने कार्रवाई को रोकने के लिए अफसरों को ऑफर दिया। हालांकि उन्होंने अनदेखी कर दी। फिर उसका कहना था कि बिना सर्च करे टैक्स का अमाउंट बता दें, वह उसका चेक दे देगा। उसका कहना था कि आप लोगों ने इतनी जानकारी जुटाई ही है, तो सीधे बकाया टैक्स भरने वह तैयार है, लेकिन अफसरों ने एक नहीं सुनी। एक मौका ऐसा भी आया कि परेशान होकर अधिकारियों ने रवि को कुछ देर के लिए बाथरूम में बंद कर दिया और उसके साथ सख्ती भी दिखाई। हालांकि इनकम टैक्स विभाग ने अब तक इस कार्रवाई की अधिकृत जानकारी नहीं दी है।

परिवार के सदस्यों को अलग-अलग कमरों में रखा

सूत्रों के अनुसार, रवि अग्रवाल के परिवार में सदस्य आपस में एक दूसरे से बात नहीं कर पाएं, इसके लिए उन्हें अलग-अलग कमरों में रखा गया, क्योंकि कई कंपनियों के डायरेक्टर के रूप में परिवार के सदस्य भी हैं। सभी से अलग-अलग पूछताछ की गई। खास बात यह है कि सभी ने कंपनियों से जुड़ी अलग-अलग जानकारी दी। विभाग को डायरियों और लॉकरों से ऐसी जानकारी मिली है, जिससे नागपुर और मुंबई के कई बड़े कारोबारियों की कलई खुल सकती है। इसमें बड़ी संख्या में मुंबई के बिल्डर शामिल हैं।

रजिस्ट्रियों से भरा मिला कमरा

सूत्रों के अनुसार, रवि अग्रवाल के यहां एक कमरा मकान, दुकान, प्लाट की रजिस्ट्रियों से भरा मिला। इतनी रजिस्ट्रियां देखकर अफसर भी चकरा गए। इसमें वे रजिस्ट्रियां भी हैं, जो उसने अपने द्वारा दी गई मोटी रकम के बदले गिरवी रखा था। इसमें कई सारे स्टॉम्प पेपर भी मिले, जिसमें पैसा देने के बदले संपत्तियों का सौदा किया गया है।

मुंबई, नागपुर के कई बिल्डरों को नोटिस

सूत्रों के अनुसार, इनकम टैक्स विभाग को नागपुर और सबसे अधिक मुंबई के बिल्डरों द्वारा रवि अग्रवाल से लोन लेने की जानकारी लगी है। जिसके कागजात मिले हैं, ऐसे बिल्डरों को विभाग नोटिस देकर अपने कार्यालय बुला रहा है, ताकि संबंधित ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली सके। मुंबई के कई बड़े कंस्ट्रक्शन में रवि अग्रवाल के पैसे लगे होने की जानकारी मिली है।

हवाला, डब्बा, सट्टा की रकम शेल कंपनियों से बैंक तक पहुंची : कार्रवाई में खुलासा हुआ कि हवाला, डब्बा, सट्टा के अलावा और भी दो नंबर की रकम शेल कंपनियों से होते हुए रवि अग्रवाल के मुंबई स्थित एनबीएफसी बैंकों में पहुंची है। इन बैंकों से कारोबारियों को 18% तक ब्याज के साथ लोन के रूप में रकम बांटी। उल्लेखनीय है कि अधिकांश रकम दुबई से भी पहुंची है, जिसमें रवि का जीजा संकेत खेमका की मुख्य भूमिका है। इसके साथ रौनक सूचक का भी नाम है। इनकम टैक्स विभाग का रवि के बाद रौनक पर फोकस था।

सभी कॉल हो रहे थे रिकॉर्ड

पूरी कार्रवाई में एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। जिनके यहां भी छापे पड़े, और उनसे जितने लोग भी संबंधित थे, वे क्या कर रहे थे और आपस में उनकी क्या बातचीत हो रही थे, सब विभाग के पास रिकॉर्डिंग हैं। सभी के फोन महीनों से टेप हो रहे थे। विभाग को इससे बड़ी कामयाबी मिली। जो बातें फाइलों में नहीं है, वह एक-दूसरे की बातचीत में है। इसे सुनकर संबंधित लोगों के पसीने छूट गए।

सवालों पर चुप्पी साधी

इस पूरे मामले पर रवि अग्रवाल का पक्ष जानने के लिए उनसे फोन पर संपर्क किया। उनके मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से संदेश भी दिए गए, मगर उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।

Created On :   18 May 2023 10:30 AM IST

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