सुसाइड नोट में दर्शन की लिखावट नहीं, परिवार का दावा

सुसाइड नोट में दर्शन की लिखावट नहीं,  परिवार का दावा
दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामले में उसके परिवार ने सनसनीखेज दावा किया है। दर्शन की बहन जानवी ने कहा कि मैंने और मेरे पिता रमेश सोलंकी ने वह सुसाइड नोट देखा है, जिसे पुलिस दर्शन का होने का दावा कर रही है। लेकिन हम दर्शन की लिखावट (हैंड राइटिंग) पहचानते हैं और दावे से कह सकते हैं कि वह नोट दर्शन ने नहीं लिखा था। हमने एसआईटी को भी इसकी जानकारी दी थी। गुरुवार को मुंबई में पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. भालचंद्र मुणगेकर के साथ रमेश और जानवी ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी दावा किया कि दर्शन जातिगत भेदभाव से परेशान था और अपनी चाची और बहन से इसका जिक्र भी किया था। सैम राजपूत नाम के एक व्यक्ति के साथ सोशल मीडिया चैट के भी सबूत हैं। एसआईटी को इस पूरे मामले की जानकारी दी गई है, लेकिन वह जातिगत भेदभाव के आरोपों की जांच के लिए तैयार नहीं है।

क्या है मामला

इसी साल 12 फरवरी को आईआईटी के बी टेक (केमिकल) के प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन ने आईआईटी परिसर में स्थित हॉस्टल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने छानबीन के दौरान एक सुसाइड नोट बरामद करने का दावा किया था, जिसमें लिखा था अरमान हैज किल्ड मी (अरमान ने मेरी हत्या की)। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने अरमान को गिरफ्तार किया था, जिसे कुछ दिनों पहले ही अदालत से जमानत मिली है। साथ ही पुलिस ने दावा किया है कि हैंड राइटिंग विशिषज्ञ ने इस बात की पुष्टि की है कि सुसाइड नोट में लिखावट दर्शन की ही है।

पढ़ाई न छूट जाए इसलिए मुझे नहीं बताया-रमेश

दर्शन के पिता रमेश सोलंकी ने कहा कि दर्शन ने अपनी चाची और बहन को बताया था कि उसे जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उन्हें कहा था कि मुझे इसकी जानकारी न दें, क्योंकि उसे डर था कि मैं उसे पढ़ाई छोड़कर वापस आने को कह देता। जानवी ने कहा कि दर्शन की जाति की जानकारी होने के बाद दूसरे विद्यार्थियों का रुख बदल गया था और उसे अलग-थलग कर दिया गया था। कई विद्यार्थी उसके साथ खाने और पढ़ाई करने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमने एसआईटी से दर्शन के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का क्लोन मांगा, जिससे हमें भी जानकारी हो सके कि वह क्यों परेशान था, लेकिन पुलिस इसे हमारे साथ साझा करने को तैयार नहीं है।

आईआईटी बॉम्बे में होता है जातिगत भेदभाव-मुणगेकर

पूर्व राज्यसभा सदस्य भालचंद्र मुणगेकर ने आरोप लगाया कि आईआईटी बॉम्बे में जातिगत भेदभाव होता है और दर्शन ने इसी वजह से आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि इस भेदभाव को रोकने के लिए आईआईटी बॉम्बे प्रबंधन ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि परिवार सबूत दे रहा है, इसके बावजूद एसआईटी इसकी जांच नहीं करना चाहती। मुणगेकर ने कहा कि पुलिस पर दबाव है कि वह जांच अरमान सोलंकी तक सीमित रखे। मुणगेकर ने सवाल किया कि जब कथित सुसाइड नोट पुलिस ने 3 मार्च को बरामद कर लिया था, तो इसकी जानकारी 27 मार्च तक छिपाकर क्यों रखी गई। पहले तो पुलिस परिवार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं हुई और एडीआर दर्ज कर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की और फिर एफआईआर दर्ज करने के लिए परिवार पर दबाव बनाया कि वह दर्शन के खिलाफ शिकायत करें।

Created On :   11 May 2023 7:49 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story