15 दिन में चार्जशीट दाखिल न की गई तो आंदोलन

15 दिन में चार्जशीट दाखिल न की गई तो आंदोलन
एसबीआई घोटाला

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। भारतीय स्टेट बैंक घोटाला में कई छोटे लोगों पर गाज गिरी परंतु अब भी बड़ी मछलियां गिरफ्त से बाहर है। राजनीतिक दबाव के कारण बिल्डर्स, सीए, बड़े अधिकारियों पर पुलिस की कार्रवाई नहीं हुई है। फोरेन्सिक ऑडिट कर बड़ी मछलियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग पत्र-परिषद में राकांपा शहर अध्यक्ष राजीव कक्कड ने की। उन्होंने बताया कि, जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर विपक्ष नेता अजीत पवार को इस संबंध में पत्र भेजा है। 15 दिन में इस मामले की जांच कर चार्जशीट दाखिल करें अन्यथा इस मामले को लेकर राकांपा सड़क पर उतरने की चेतावनी उन्होंने दी। पत्र परिषद में रायुकां के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नितीन भटारकर समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बताया कि, इस मामले में राकांपा ने 4 जनवरी 2020 को केंद्रीय वित्तमंत्री को बैंक के खिलाफ शिकायत भेजी थी। जांच के बाद 18 मार्च 2020 को मामला दर्ज किया गया। करीब 40 लोगों पर अपराध दर्ज किया गया। बैंक के अधिकारी, दलाल व 11 कर्जदार ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया। 3 बैंक अधिकारी, एक दलाल छोड़कर 11 गरीब मजदूरी करनेवाले लोगों पर अपराध दर्ज किया गया परंतु बिल्डर्स, बैंक के बड़े अधिकारी और इस मामले की बड़ी मछलियां अब भी खुलेआम घूम रही हंै।

मामले में एक वर्ष का समय बीतने के बावजूद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे पुलिस जांच पर भी कई संदेह निर्माण हो रहे हंै। जिनकी घर लेने की हैसियत नहीं थी उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर उनके नाम पर कर्ज निकालकर निर्माणकार्य व्यवसायियों को पैसे दिए गए। उन गरीब ग्राहकों पर अपराध दर्ज किया गया। निर्माणकार्य व्यवसायी व अन्य अधिकारियों पर कोई भी अपराध दर्ज नहीं किया है। जिन ग्राहकों के नाम से प्रॉपर्टी वैल्यू से अधिक कर्ज निकाला गया, उसमें निर्माणकार्य व्यवसायी को पूर्ण फायदा हुआ और कर्ज लेनेवाले पर अपराध दर्ज हुआ। जिनके खाते में राशि जमा हुई, उन पर कोई अपराध दर्ज नहीं किया है। पत्र परिषद में बताया कि, सिनर्जी वर्ल्ड, देऊल कन्स्ट्रक्शन, डीएसके इन बिल्डर्स के ग्राहकों के अधिक लोन हुए थे। फर्जी आईटी रिटर्न दिखाकर लोन फाइल की गई। करीब सवा वर्ष हाेता आ रहा है पुलिस ने ना चार्जशीट दायर की है ना ही कोई नए आरोपी को गिरफ्तार किया। मास्टर माइंड अभी भी गिरफ्त से बाहर है। सत्ताधारियों के दबाव में पुलिस के काम करने का संदेह इस समय पत्र परिषद में कक्कड ने व्यक्त किया। इसलिए इस पूरे मामले की फोरेंसिक ऑडिट की जाए। इससे ग्राहक व बिल्डर्स में व्यवहार हुआ होगा, यह स्पष्ट होगा। इस मामले मुख्य अमीर घोटालेबाज सामने आएंगे।

Created On :   18 May 2023 3:31 PM IST

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