रेड 7 दिन बाद खत्म : 350 करोड़ का टैक्स रिटर्न भी फर्जी निकला

रेड 7 दिन बाद खत्म : 350 करोड़ का टैक्स रिटर्न भी फर्जी निकला
इनकम टैक्स विभाग से भारी फर्जीवाड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एल-7 ग्रुप और उससे जुड़ी ब्लैक मनी मामले में नागपुर, मुंबई, अहमदाबाद, कानपुर में करीब 7 दिन तक लगातार चली इनकम टैक्स की कार्रवाई गुरुवार को खत्म हो गई। सामने आया कि मुख्य सरगना रवि अग्रवाल ने व्यापारियों को अपने साथ जोड़ने, उन्हें ठगने और उनसे सौदा करने के लिए अलग-अलग ट्रिक का इस्तेमाल किया था। विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस ठगी में उसने इनकम टैक्स विभाग को भी नहीं छोड़ा। रवि अग्रवाल ने अपने ग्रुप द्वारा हर साल 350 करोड़ टैक्स देने का जो रिटर्न तैयार करवाया था, वह फर्जी निकला। इसे ही दिखाकर वह लोगों को फंसाता था।

महाराष्ट्र में अपने आपको सबसे बड़ा टैक्स पेयर बताने तैयार किया फर्जी रिटर्न : रवि अग्रवाल के साथ जिन बिल्डरों और कारोबारियों ने डील की, उन्हें रवि अग्रवाल ने अपने आपको महाराष्ट्र का सबसे बड़ा टैक्स पेयर बताया। इसे साबित करने के लिए वह 350 करोड़ का हर साल रिटर्न भरने का दस्तावेज भी दिखाता था। इसे देखकर लोग प्रभावित हो जाते थे। उन्हें लगता था कि जब 350 करोड़ का टैक्स हर साल भरा जा रहा है, तो सब कुछ नियम से ही चल रहा होगा। इसी रिटर्न के बूते उसने नागपुर, मुंबई के कई बड़े उद्योगपतियों के साथ कई तरह की डील की। डील होने के कुछ समय बाद लोगों को लगता था कि वह फंस गए हैं। इनकम टैक्स ने जब इस रिटर्न की जांच की, तो वह पूरी तरह से फर्जी निकला।

कार्रवाई से आहत दो उद्योगपति अस्पताल में भर्ती हुए : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स की इस कार्रवाई और पूछताछ से आहत होकर दो उद्योगपतियों के अस्पताल में भर्ती होने की खबर है। इसमें हेमंत तन्ना और पारस जैन शामिल हैं। हेमंत कुछ दिन पहले ही पूछताछ से आहत होकर अस्पताल पहुंचे थे और पारस उनके बाद। हमने दोनों से इसका कारण जानने के लिए संपर्क किया, मगर कोई जवाब नहीं आया। इसे विभाग की कार्रवाई से बचने की जुगत के रूप में भी देखा जा रहा है।

लॉकर सील किए : इनकम टैक्स विभाग ने 10 मई को रवि अग्रवाल, शैलेश लखोटिया, पारस जैन, लाला जैन, प्यारे खान, कन्नी उर्फ कन्हैया थावरानी, गोपी मालू, हेमंत तन्ना, इजराइल सेठ, और सीए रवि बानखेड़े के यहां छापा मारा था। इसमें से कुछ के लॉकर खोले गए और कुछ के लॉकर को सील कर दिया गया है, जिसे विभाग अपनी सुविधा अनुसार खोलेगा।

बैंक की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे हैं सवाल : अधिकांश उद्योगपतियों ने रवि अग्रवाल के मुंबई स्थित एनबीएफसी बैंक के जरिए आसानी से लोन लिया था। मुंबई के भी अधिकांश बिल्डरों ने इसी बैंक से लोन लिया है, जिन्हें नोटिस जारी हो रहे हैं। बैंक का लाइसेंस आरबीआई ने दिया है। ऐसे में बैंक अपना फंड कहां से ला रहा है और किसे दे रहा है, इसकी आरबीआई ने जांच नहीं की, पर अब इनकम टैक्स की कार्रवाई में घोटाले का खुलासा हो गया है।

प्रश्नों का जवाब नहीं दे सकता : मैंने इनकम टैक्स विभाग के सारे प्रश्नों के जवाब दिए हैं। आपके जो सवाल हैं, मैं उनका जवाब नहीं दे सकता। विभाग अपनी कार्रवाई करेगा। - रवि अग्रवाल

विभाग को मोनिका की तलाश : एल-7 ग्रुप पर हुई छापामार कार्रवाई में अब इनकम टैक्स विभाग को मोनिका नाम की लड़की की तलाश है। उस पर आरोप है कि रवि के साथ मिलकर कई तरह की हेराफेरी की। मोनिका की तलाश सीए रवि बानखेड़े से पूछताछ के साथ शुरू हुई। हालांकि सीए के पास कुछ खास नहीं मिला। सीए के लॉकर को सील किया गया है, जो अधिकारी बाद में खोलेंगे।

सबसे करीबी ने ही उगले राज : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रवि अग्रवाल के सबसे राजदार माने जाने वाले पारस जैन के खातों में करोड़ों की हेरा-फेरी मिली। इसके बाद उससे सख्ती से पूछताछ की गई। जब फाइलें चेक हुई और कारोबार से जुड़े दस्तावेज देखे गए, तो सारी पोल खुल गई। अधिकारियों ने इन सभी कारनामों के लिए जब पारस जैन को जिम्मेदार बताते हुए कार्रवाई करने की बात कही, तो पारस ने सारे राज उगल दिए। खास बात यह भी कि नागपुर का छतरपुर फार्म पारस जैन का ही है। पारस ने गोंदिया की किसी पार्टी से 18 करोड़ हुंडी पर लिए। इसके बाद अन्य व्यापरियों से लोन लिया। जब लोन चुकाने में दिक्कत आई तो रवि अग्रवाल की मदद ली। रवि ने मदद के पहले पारस को मोटे ब्याज पर पैसे दिए। जब वह पैसे चुकाने में असमर्थ हुआ तो छतरपुर फार्म अपने पास रखवा लिया। सूत्रों के अनुसार, उक्त फार्म में एक बड़ा शेयर रवि के नाम है। पारस जैन ने ही नागपुर के अन्य उद्योपतियों को रवि से मिलवाया था और ट्रांजेक्शन किए थे। इस मामले में जब हमने पारस जैन से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका मैसेज था कि जो भी बताना था वह इनकम टैक्स को बता दिया है। इसके बाद उन्हें कुछ भी नहीं कहना। वे हमारे किसी भी प्रश्न का जवाब नहीं दे पाए।















Created On :   19 May 2023 10:12 AM IST

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