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गड़चिरोली के अहेरी में 626 बच्चे पाए गए कुपोषित, 54 की मौत
डिजिटल डेस्क, संवाददाता| अहेरी(गड़चिरोली)। समूचे राज्य में अमरावती जिले के मेलघाट के बाद सर्वाधिक कुपोषण का प्रमाण आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में है। कुपोषण के साथ बाल मृत्यु के प्रमाण को कम करने के लिए हर वर्ष केंद्र व राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। इसके बावजूद गड़चिरोली जिले में यह योजनाएं पूरी सफल नहीं हो पा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एकमात्र अहेरी उपविभाग में 626 बालक कुपोषित पाये गये हैं। इसी कालावधि में विभिन्न अस्पतालों में 54 बालमृत्यु होने से स्वास्थ्य विभाग अब हरकत में आ गया है साथ ही विभिन्न बीमारियों से पीड़ित 141 माताओं का सरकारी केंद्रों में गर्भपात भी किये जाने की जानकारी स्वयं स्वास्थ्य विभाग ने साझा की है।
अहेरी तहसील मुख्यालय में पृथक उपजिला अस्पताल होकर इसके तहत महागांव, जिमलगट्टा, आलापल्ली, कमलापुर, पेरमिली, देचलीपेठा आदि 6 स्थानों पर सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू किये हंै। इन 6 केंद्रों के तहत दर्जनों की संख्या में उपकेंद्र भी कार्यरत है। इन अस्पतालों के माध्यम से गर्भवती माताओं की निरंतर स्वास्थ्य जांच के साथ बाल मृत्यु का प्रमाण कम करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलायी जा रही हंै। वित्तीय वर्ष 2022-23 की कालावधि में उपरोक्त सभी अस्पतालों में 2 हजार 233 गर्भवती माताओं ने अपना पंजयीन कराया था। इनमें से 12 फीसदी गर्भवती माताओं को उक्त रक्तचाप की शिकायत दिखायी दी।
अधिकांश माताओं का हिमोग्लोबिन भी कम पाया गया। वहीं डेढ़ हजार से अधिक माताओं को शुगर की बीमारी भी पायी गयी। इस कालावधि में कुल 433 माताओं की प्रसूति सिजेरियन से की गयी। इस बीच 141 माताओं की हालत काफी कमजोर होने के कारण उनका गर्भपात भी किया गया। फलस्वरूप नया जीवन देने के पूर्व ही 141 नवजात बच्चों ने गर्भ में ही दम तोड़ दिया। उधर 54 बालकों ने जन्म लेते ही दम तोड़ दिया।
गर्भधारणा के समय पोषण आहार नहीं मिलने के कारण इन बच्चों की गर्भ में अधिक वृध्दि नहीं हो पायी थी। फलस्वरूप प्रसुति के बाद ही कुछ समय उपरांत 54 बालकों ने दम तोड़ दिया। जन्म के बाद 626 बालक पोषण आहार के अभाव में कुपोषण की श्रेणी में आ गए हंै। अब इन बच्चों को गांव की आंगनवाड़ी केंद्र की मदद से पोषण आहार दिया जा रहा है। इस प्रकार सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी विभाग सफल नहीं होने के कारण अब स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान अंकित किया जा रहा है।
Created On :   24 May 2023 4:29 PM IST