नियमों की धज्जियां उड़ाकर कर दौड़ रहे ई-रिक्शा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। There are strict traffic rules and regulations for driving vehicles on the roads. इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ लाइसेंस से लेकर वाहन जब्त करने के नियम हैं, लेकिन लगता है ई-रिक्शा चालकों के लिए कोई नियम-कानून नहीं है। ई-रिक्शा चालक माल ढुलाई से लेकर ओवरलोड यात्री परिवहन कर रहे हैं। किसी भी लेन में घुस जाते हैं, जैसे इन्हें पूरी छूट मिली हुई है। कोई भी विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे ई-रिक्शा चालक मनमाने तरीके से वाहन चला रहे हैं। ओवरलोड के चलते इसके पलटने का खतरा बना रहता है।

10 सवारी तक बैठाते हैं

शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा मनमाने तरीके से दौड़ रहे हैं। इन पर न तो आरटीओ और न ही यातायात विभाग का ध्यान है, जिससे यह बेखौफ नियमों को तोड़कर चल रहे हैं। बैठने की क्षमता की बात करें, तो 5 से ज्यादा सवारी इसमें नहीं बैठना चाहिए, लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के लिए रिक्शा चालक 10 सवारियां ठूंसकर बैठा रहे हैं। यही नहीं, इसका इस्तेमाल माल ढुलाई के लिए भी किया जा रहा है। बड़े-बड़े बैनर से लेकर स्टील के पतरों को लादकर ले जा रहे हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई कोई नहीं कर रहा है। ऐसे में लोगों के लिए यह खतरा साबित हो रहे हैं। ई-रिक्शा यातायात जाम का कारण भी बन रहे हैं। कम स्पीड होने के बावजूद ये बीच सड़क पर चलते रहते हैं। बड़े वाहनों द्वारा पास मांगने पर भी जल्दी साइड में नहीं हटते, जिससे इनके पीछे वाहनों की लाइन लग जाती है।

1 हजार से ज्यादा हैं ई-रिक्शा

शहर में करीब पांच साल पहले ई-वाहनों का चलन शुरू हुआ था। इस दौरान केवल मोपेड का ही इस्तेमाल किया जा रहा था। नाममात्र कंपनियां ही बाजार में कम स्पीड से चलने वाली मोपेड बेच रही थीं। धीरे-धीरे ई-रिक्शा का भी चलन बढ़ा और अब काफी संख्या में ई-रिक्शा शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार गत एक साल में ही शहर सीमा में ई-वाहनों की संख्या ढाई हजार के करीब बढ़ी है, जिसमें सबसे ज्यादा ई-रिक्शा शामिल हैं। पूर्व आरटीओ अंतर्गत मार्च 2021 में 543 वाहन थे, लेकिन मार्च 2022 में 2335 वाहन हो गए। इसमें सबसे ज्यादा संख्या ई-रिक्शा की है। गत वर्ष इनकी बिक्री संख्या 487 वाहनों की थी। अब इनकी संख्या 1 हजार से ज्यादा है।

1 हजार से ज्यादा हैं ई-रिक्शा

शहर में करीब पांच साल पहले ई-वाहनों का चलन शुरू हुआ था। इस दौरान केवल मोपेड का ही इस्तेमाल किया जा रहा था। नाममात्र कंपनियां ही बाजार में कम स्पीड से चलने वाली मोपेड बेच रही थीं। धीरे-धीरे ई-रिक्शा का भी चलन बढ़ा और अब काफी संख्या में ई-रिक्शा शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार गत एक साल में ही शहर सीमा में ई-वाहनों की संख्या ढाई हजार के करीब बढ़ी है, जिसमें सबसे ज्यादा ई-रिक्शा शामिल हैं। पूर्व आरटीओ अंतर्गत मार्च 2021 में 543 वाहन थे, लेकिन मार्च 2022 में 2335 वाहन हो गए। इसमें सबसे ज्यादा संख्या ई-रिक्शा की है। गत वर्ष इनकी बिक्री संख्या 487 वाहनों की थी। अब इनकी संख्या 1 हजार से ज्यादा है।

Created On :   18 May 2023 2:40 PM IST

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