40 प्रतिशत इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को नहीं मिलता प्लेसमेंट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर को मध्य भारत का शिक्षा का केंद्र माना जाता है। खासकर जिले में बड़ी संख्या में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल नागपुर या आस-पास के क्षेत्रों से नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे निकटवर्ती राज्यों के विद्यार्थी भी प्रवेश लेते हैं, लेकिन बीते कुछ वर्ष के प्लेसमेंट के आंकड़ों पर नजर डालें, तो एक कड़वा सच भी सामने आता है। जिसमें यह पता चलता है कि, इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने वाले लगभग 40 प्रतिशत विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिलता। हां, कुछ छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन की ओर जरूर बढ़ते हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।
क्या कहते हैं आंकड़े
नागपुर जिले में स्थित इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्लेसमेंट के 5 वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें, तो शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 8502 विद्यार्थियों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, लेकिन प्लेसमेंट महज 5,105 यानी 60.04% विद्यार्थियों को ही प्लेसमेंट मिला। ऐसे ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 में इंजीनियरिंग पूरी करने वाले 7,232 विद्यार्थियों में से 4,809 यानी 66.49 % विद्यार्थियों को ही प्लेसमेंट मिला।
वर्ष उत्तीर्ण विद्यार्थी प्लेसमेंट-प्र.श
2021-22 8502-5105 60.04
2020-21 7232-4809 66.49
2019-20 10051-5734 57.04
2018-19 11231-6536 58.19
2017-18 11799-4931 44.17
-क्या है कारण
जानकारों की मानें, तो बीते दो वर्ष से आईटी क्षेत्र में विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिल रहा है। गैर-आईटी पृष्ठभूमि के इंजीनियरिंग स्नातकों को भी नौकरियां दी जाने लगी हैं, लेकिन यह एक अस्थाई दौर है। इसे छोड़ दें, तो नागपुर में पिछले दशक में बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेजों को मंजूरी दी गई। सीटें अधिक होने से प्रवेश भी बड़ी आसानी से मिलने लगे, लेकिन कई कॉलेजों में अच्छा प्लेसमेंट नहीं मिलने से विद्यार्थी प्रवेश लेने से कतराने लगे। जो प्रवेश लेते भी हैं वे प्रतिष्ठित कॉलेजों में लेते हैं या फिर पुणे, मुंबई जैसे दूसरे शहरों में चले जाते हैं।
Created On :   25 March 2023 2:51 PM IST