बिना लक्षण वाले 48 लोगों को कोरोना हुआ, ठीक हो गए, पता भी नहीं चला-चौंकाने वाली जानकारी

48 people without symptoms got coronated, recovered, not even detected - shocking information
बिना लक्षण वाले 48 लोगों को कोरोना हुआ, ठीक हो गए, पता भी नहीं चला-चौंकाने वाली जानकारी
बिना लक्षण वाले 48 लोगों को कोरोना हुआ, ठीक हो गए, पता भी नहीं चला-चौंकाने वाली जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। शहर में कई ऐसे लोगों को कोरोना हुआ और उनको मालूम भी न चला। खास बात यह है कि वह बिना किसी इलाज के ठीक भी हो गए। इसका खुलासा "एंटीबॉडी टेस्ट" के आए परिणाम से हुआ है। नागपुर जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों से 1700 नमूने लिए गए हैं। 1033 की "एंटीबॉडी टेस्ट" की रिपोर्ट आई है। इसमें 48 लोग ऐसे मिले हैं, जिन्हें कोरोना हुआ था। इन लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं हुई, न ही इनमें कोई लक्षण ही देखने को मिले। वायरस अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहा। ये तो उदाहरण भर है। ढंग से जांच हो जाए तो ऐसे सैकड़ों मामले सामने आ सकते हैं। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
कोरोना को लेकर शुरू से ही विशेषज्ञ कहते रहे हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना है। ऐसा करने में अगर आप कामयाब हो गए तो कोरोना को मात देना मुश्किल नहीं है। दरअसल, 48 जो लोग सामने आए हैं, ये ऐसे ही लोग हैं। इन्हें कोरोना तो हुआ, पर लक्षण सामने नहीं आ पाए। इन्हें कब कोरोना हुआ और कब ठीक हो गए, पता नहीं चला। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक बयान में कहा था कि बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या लगभग 80 फीसदी है। 

संक्रमण का कारण यह भी
कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण असिप्टाेमेटिक (बिना लक्षण वाले) मरीज भी हैं। कई लोग ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित हैं और उन्हें पता नहीं चला है। वह सामान्य लोगों की तरह घर-बाहर घूमते रहे हैं। इस दौरान उनके संपर्क में आए और लोग भी संक्रमित हो गए और किसी को पता भी न चला। नागपुर में जिला परिषद और मनपा की ओर से "एंटीबॉडी टेस्ट" के लिए गए नमूनों में  1033 की रिपोर्ट आ गई है। इसमें 48 लोग "एंटी बॉडी पॉजिटिव" पाए गए हैं

13 तहसील से लिए सैंपल
ग्रामीण इलाकों से 850 नमूने लिए गए। इतने ही नमूने ग्रामीण क्षेत्र से भी लिए गए। इसकी शुरुआत 12 जुलाई को ही हो गई थी। जिले में कुल 13 तहसील हैं। नमूना लेने में नगर पंचायत और उस तहसील के अन्य मुख्य इलाकों को शामिल किया गया। भिवापुर नगर पंचायत क्षेत्र से 25 नमूने लिए गए। इसी क्षेत्र के गांव गवडी व उन्नान में भी टीम गई और नमूने जुटाए। हिंगना नगर पंचायत क्षेत्र से 25, काटोल से 25 और ग्रामीण क्षेत्र पारडसिंगा से भी नमूने लिए गए। कुही नगर पंचायत से 25 और मांढल गांव से 25, कामठी, सावनेर सहित सभी 13 तहसील और उसके ग्रामीण क्षेत्रों से 25-25 सैंपल लिए गए। इस तरह 700 सैंपल लिए गए। इसके अतिरिक्त 150 सैंपल ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिबंधित क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) से लिए गए। इसी तरह नागपुर शहर के भी कंटेनमेंट जोन और नॉन कंटेनमेंट जोन से 850 नमूने लिए गए। ये नमूने जांच के लिए मेडिकल और मेयो अस्पताल भेजे गए। अभी तक 1033 की रिपोर्ट आई है, जिसमंे 48 "एंटीबॉडी पॉजिटिव" निकले हैं।

बिना लक्षण वाले मरीज संक्रमण फैला सकते हैं
हमारे यहां "एंटीबॉडी टेस्ट" किए गए थे। इनका उपयोग प्लाज्मा थैरेपी के लिए किया जा सकता है। इसके साथ शर्त है कि वह सही मात्रा में एंटीबॉडी होना चाहिए। इसके लिए एक मापदंड निर्धारित है। बिना लक्षण वाले मरीज कितना संक्रमण फैला सकते हैं, इस विषय पर अभी भी शोध किया जा रहा है। हमें यही मान कर चलना है कि ऐसे मरीज संक्रमण फैला सकते हैं। यही एक सुरक्षित रास्ता है।  -डॉ. विभा दत्ता, निदेशक, एम्स नागपुर 

ग्रामीण क्षेत्रों से 850 सैंपल लिए गए
नागपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 850 सैंपल लिए गए हैं। 425 सैंपल की रिपोर्ट आई है। इसमें 29 लोग "एंटीबॉडी पॉजिटिव" हैं। शेष नमूनों की रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है। -डॉ. असीम इनामदार, अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला परिषद
 

Created On :   23 July 2020 5:47 AM GMT

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