चंद्रपुर के 86 गांव बाढ़ प्रवण क्षेत्र में

86 villages of Chandrapur in flood prone area
चंद्रपुर के 86 गांव बाढ़ प्रवण क्षेत्र में
जिलाधिकारी ने दिए कार्य के निर्देश चंद्रपुर के 86 गांव बाढ़ प्रवण क्षेत्र में

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । चंद्रपुर जिले में वैनगंगा, वर्धा, पैनगंगा, इरई, झरपट, उमा व अंधारी ये प्रमुख नदियां हैं। अतिवृष्टि व बंाध का पानी छोड़ने के चलते इसके पूर्व जिले में वर्ष 2005, 2006, 2013 व 2020 में बाढ़ जैसी परिस्थिति निर्माण हुई थी।  नदियों में आनेवाली बाढ़, अतिवृष्टि व डैम का पानी छोड़ने के कारण जिले के 86 गांव बाढ़ प्रवण क्षेत्र में आते हैं। भविष्य में इस तरह की परिस्थिति निर्माण न हो, इसके लिए सभी विभागों ने अपने-अपने क्षेत्र के मानसून पूर्व काम रफ्तार से व समय पर जिम्मेदारी पूर्वक करने के निर्देश जिलाधिकारी अजय गुल्हाने ने अधिकारियों को दिए।

 नियोजन सभागृह में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित जिला स्तरीय जायजा बैठक में जिलाधिकारी के अलावा मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. मिताली सेठी, सहायक जिलाधिकारी रोहन घुगे, निवासी उपजिलाधिकारी विशालकुमार मेश्राम, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी सुरवाडे आिद उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने आगे कहा कि, बाढ़ परिस्थिति में नागरिकों को कम समय में सुरक्षित स्थान पर स्थनांतरित करना काफी महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए नगर पालिका क्षेत्र व अन्य गांव के सुरक्षित स्थान ढुंढकर रखे। सरकारी विभाग को विविध सामाजिक संगठनों की मदद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जिससे तहसील स्तर पर मानसून पूर्व जायजा लेते समय सभी संगठनों को आमंत्रित करें।  सभी तहसील विभाग सतर्क रहकर पूर्व तैयारी करें।

सभी तहसीलदार रहे मुस्तैद : इस दौरान जिलाधिकारी ने अलग-अलग विभागों को निर्देश दिए। जिसमें सभी तहसीलदारों ने मानसून दौरान नियंत्रण कक्ष का कामकाज दिन-रात चालू रहे, इस पर विशेष ध्यान रखे। संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों के अद्यावत नंबर जिला आपदा प्रबंधन कक्ष में भेजे। सरपंच, पटवारी, ग्रामसेवक व अन्य सरकारी कर्मचारियों की बैठक आयोजित कर आवश्यक उपाय योजना करें। नगर परिषद, नगर पंचायत के मुख्याधिकारी ने बाढ़ प्रवण क्षेत्र के प्राकृतिक जलाशय की सफाई करवाएं। क्षेत्र के नाले, नालियों की नियमित सफाई करें। 

दवांओं का पर्याप्त भंडारन रखे
स्वास्थ्य विभाग बरसात के दिनों में जलजन्य व कीटकजन्य बीमारी फैल सकती है, इसलिए पर्याप्त दवा भंडारन रखे। बाढ़प्रवण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की संबंधीत जानकारी मानसून पूर्व निश्चित करें। गांव का संपर्क टूटने के पूर्व ही महिलाओं को जिला अस्पताल या ग्रामीण अस्पताल में स्थानांतरित करें। सभी अधिकारी, कर्मचारियों का संपर्क क्रमांक ले। सभी स्थानों पर वाहनों की व्यवस्था रखे। 

सभी तालाबों की जांच करें
 सिंचाई विभाग ने जिले के सभी तालाबों की जांच करें। फूटे हुए तालाब की दुरूस्ती करें। बाढ़ से गांव का नुकसान टालने लाल व नीली रेखा निश्चित करें।  

स्थिति से निपटने का प्रारूप पेश करें
 महावितरण व दुरसंचार विभाग द्वारा अतिवृष्टि व तूफानी बारिश से बिजली खम्भे, टेलीफोन तार टूटने की आशंका अधिक रहती है, जिससे दोनों विभाग के अधीक्षक अभियंता द्वारा आपदा प्रबंधन प्रारूप तैयार कर पेश करें।  इस समय जिलाधिकारी ने अन्य विभागों को सूचनाएं दी।
 

Created On :   11 May 2022 6:44 AM GMT

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