नागपुर जिले के 1030 गांवों में से 933 का भू-संपत्ति लेखा-जोखा नहीं

933 out of 1030 villages in Nagpur district have no land-property accounts
नागपुर जिले के 1030 गांवों में से 933 का भू-संपत्ति लेखा-जोखा नहीं
हाईटेक महज सपना नागपुर जिले के 1030 गांवों में से 933 का भू-संपत्ति लेखा-जोखा नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार डिजिटलाइजेशन पर जोर दे रही है, लेकिन जिले में पिछले 4 वर्षों से ग्रामीण इलाकों की भू-संपत्ति का ड्रोन सर्वे कछुआ गति से शुरू है। 1904 गांवों का ड्रोन सर्वे अब तक पूरा नहीं हुआ है। विलंब का कारण कभी ड्रोन में खराबी और कभी बारिश के मौसम बताते हैं। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि 1904 गांवों में से अब तक 1030 गांवों का ड्रोन सर्वे हो चुका है। ड्रोन सर्वे पूरा होने के बाद तत्काल प्राॅपर्टी कार्ड जारी किए जा सकते हैं, लेकिन  हैरानी की बात है कि भूमि अभिलेख विभाग ने पिछले 4 वर्षों में मात्र 97 गांवों का ही प्राॅपर्टी कार्ड जारी किया है, जबकि 933 गांवों की भू-संपत्ति का अब तक लेखा-जोखा तैयार नहीं हुआ है। प्राॅपर्टी कार्ड नहीं बनने के कारण लाखों संपत्तिधारकों को उनकी संपत्ति पर बैंक से कर्ज नहीं मिल रहा है।

क्या है सर्वे का उद्देश्य : ड्रोन द्वारा गांवों की भू-संपत्ति के सर्वे का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण इलाके की जमीन का सटीक ब्योरा तैयार कर जमीन धारकों को कर्ज सुविधा से लाभान्वित करना है। बैंक के नियम के अनुसार जब तक भू-संपत्ति का प्राॅपर्टी कार्ड पेश नहीं किया जाता तब तक संपत्तिधारक को उसकी संपत्ति पर कर्ज मंजूर नहीं किया जा सकता। 933 गांवों के भू-संपत्ति धारक प्राॅपर्टी कार्ड की आस लगाए हुए हैं, ताकि प्राॅपर्टी कार्ड के आधार पर उन्हें बैंक से कर्ज सुलभ हो सके, लेकिन भूमि अभिलेख विभाग की लचर कार्यप्रणाली के कारण लाखों भू-संपत्तिधारक इस लाभ से वंचित है।

16 हजार से अधिक अतिक्रमण : जिले की 768 ग्राम पंचायत के अंतर्गत 1904 गांवों का सर्वे किया जाना था। अब तक नागपुर ग्रामीण के 105 सहित 1030 गांवों  का ही सर्वे पूर्ण हुआ है। सर्वे के दौरान 1030 गांवों में सरकारी व अन्य जमीन पर 16 हजार से अधिक अतिक्रमण होने का खुलासा हुआ है। लंबे समय से सरकारी जमीन पर बसर कर रहे अतिक्रमणकारियों को जमीन का मालिकी अधिकार देना भी सर्वे का प्रमुख उद्देश्य है।

अतिक्रमणकारियों को मिलेगी राहत
मालिकाना हक मिलने व प्राॅपर्टी कार्ड जारी होने से अतिक्रमणकारी ग्रामीणों को राहत मिलेगी। इस योजना के अनुसार 1 जनवरी 2011 से पहले अतिक्रमण की गई जमीन को नियमित किया जाएगा तथा 500 वर्ग फीट जमीन का नियमितीकरण नि:शुल्क भी वसूला जाएगा।
ग्रामीण के विकास में  होगी आसानी

ग्रामीण इलाकों की जमीन का सटीक ब्योरा उपलब्ध न हो पाने से विकासकार्यों में अनेक प्रकार की अड़चनों का सामना करना पड़ता है। ड्रोन सर्वे के जरिए सरकारी जमीन का पता लगाना भी शासन का मुख्य उद्देश्य है। ग्रामीण इलाकों की सरकारी जमीन का ब्योरा उपलब्ध होने पर ही शासन द्वारा विविध योजनाओं के तहत विकासकार्यों को अंजाम दिया जा सकता है।

जल्द पूर्ण करेंगे सर्वे
नागपुर जिले के सभी ग्रामीण इलाकों का ड्रोन सर्वे जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा। अब तक हमने 1030 गांवों का सर्वे कर 11 हजार से अधिक भू-संपत्ति का ब्योरा तैयार किया है, जिसमें से 97 गांवों की जमीन के प्राॅपर्टी कार्ड तैयार हो गए हैं। शेष गांवों के भी प्राॅपर्टी कार्ड तैयार कर लिए जाएंगे। -जी.बी. डाबेराव, भूमि अभिलेख अधीक्षक

Created On :   25 Dec 2021 8:47 AM GMT

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