जिंदगी की डोर काट रहा नायलॉन मांझा, व्यापारी का गला व अंगूठा कटा

A businessmans thumbs and throats were cut off by trapping into a nylon manjha
जिंदगी की डोर काट रहा नायलॉन मांझा, व्यापारी का गला व अंगूठा कटा
जिंदगी की डोर काट रहा नायलॉन मांझा, व्यापारी का गला व अंगूठा कटा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मकर संक्रांति के पहले ही शहर में नायलान मांझा जानलेवा बन रहा है। नायलॉन मांझा फंसने से एक व्यापारी का अंगूठा व गला कट गया। व्यापारी की हालत ठीक है। लेकिन उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। व्यापारी राजेश जायस्वाल जरीपटका क्षेत्र निवासी है। नायलॉन मांझा का इस्तेमाल प्रतिबंधित होने के बाद भी इस तरह खुलेआम इस्तेमाल से प्रशासन की उदासीनता भी उजागर हुई है। हालांकि प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि नायलॉन मांजा के इस्तेमाल को रोकने के लिए विशेष दस्ता बनाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजेश जायस्वाल का जरीपटका रोड पर बियर बार है।

हेलमेट और रुमाल से हुआ बचाव
शाम को 5 बजे वह भोजन के लिए मोटरसाइकिल से घर की ओर जा रहे थे। दहीबाजार पुल पर राजेश के गले में नायलॉन मांझा फंस गया। उसने हटाने का प्रयास किया। तब  अंगूठा व गला कट गया। गले में रूमाल बंधा था लिहाजा उसे पहले समझ नहीं आया कि गला भी जख्मी हुआ है। अंगूठे को दूसरा रूमाल लपेटकर वह घर गया। घर में गले का रूमाल खोलने पर खून से गीला रूमाल पाया गया। गले पर मांझा का काफी घाव है। राजेश को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राजेश ने बताया है कि उसने मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट पहन रखा था। इसलिए उसका बचाव हुआ। मनपा के स्वास्थ्य विभाग ने नायलॉन मांझा के विरोध में दस्ता तैयार किया है। शुक्रवार से धरपकड़ कार्रवाई होने वाली है। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील कांबले ने कहा है कि कार्रवाई के लिए जोन के अनुसार जवाबदारी निश्चित की जा रही है। 

इसलिए खतरनाक होता है यह मांझा
बता दें कि सूती धागे और उस पर चढ़ाए जाने वाला मसाले की कीमत ज्यादा होती है। एक चरखी को बनाने में इसकी लागत दो सौ रुपये से लेकर छह सौ रुपये तक आती है। वहीं चीनी मांझा महज 75 रुपये से लेकर 150 रुपये तक मिल जाता है। इसकी कीमत कम होने की सबसे बड़ी वजह है मांझे में सूती धागे का इस्तेमाल न होना। महंगा चायनीज मांझा नायलॉन से बना होता है। वहीं सस्ता वाले मांझे में धागे की जगह प्लास्टिक के तार का इस्तेमाल किया जाता है। इसे धार देने के लिए लोहे और कांच के बुरादे के साथ ही खतरनाक केमिकल भी मिलाए जाते हैंं। पतंग कटने के बाद गिरा चायनीज मांझा टूटता नहीं और यह खींचने पर खिंचता जाता है। वहीं इस पर लगी लोगे और कांच की धार इसे हथियार में तब्दील कर देती है। शरीर के किसी भी हिस्से के संपर्क में आते ही उसे काट डालने लायक पूरी ताकत इस कातिल मांझे में होती है। यही कारण है कि नायलान मांझे से कई लोग घायल होते हैं।

Created On :   27 Dec 2018 7:19 AM GMT

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