नाबालिग का गर्भपात डॉक्टर को राहत नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रेम संबंध के चलते गर्भवती हुई एक नाबालिग युवती को गर्भपात की गोलियां देने वाले भंडारा निवासी डॉ. अनूप पारधी को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राहत देने से इनकार किया है।
भंडारा पुलिस ने डॉक्टर पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है, जिससे बरी होने के लिए डॉक्टर ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन मामले में सरकारी पक्ष ने रखे सबूतों और चिकित्सा विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद हाई कोर्ट ने माना कि, प्रथम दृष्टया डॉक्टर के खिलाफ सबूत हैं। वास्तविकता पता लगाने के लिए उसे निचली अदालत में ट्रायल से गुजरना होगा। डॉक्टर ने पहले निचली अदालत में अर्जी दायर कर खुद को मामले से बरी करने की प्रार्थना की। अर्जी खारिज होने पर उसने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट में आरोपी डॉक्टर ने दलील दी कि, पीड़ित किशोरी को बतौर मरीज उसके पास लाया गया था। ऐसे में उसका हरसंभव इलाज करना उसका कर्तव्य था, जबकि सरकारी पक्ष की दलील थी कि, आरोपी डॉक्टर कोई स्त्रीरोग विशेषज्ञ नहीं था। उसे गर्भपात की दवा देने का कोई अधिकार नहीं था। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
Created On :   1 April 2023 4:26 PM IST