प्रशासकीय सॉफ्टवेयर अपडेट, मनपा के ओटीपी से अब अस्पतालों में भर्ती

Administrative software update, now OTP of NAPA admitted to hospitals
प्रशासकीय सॉफ्टवेयर अपडेट, मनपा के ओटीपी से अब अस्पतालों में भर्ती
प्रशासकीय सॉफ्टवेयर अपडेट, मनपा के ओटीपी से अब अस्पतालों में भर्ती

डिजिटल डेस्क, नागपुर । मुंबई उच्च न्यायालय के आदेशानुसार नागपुर महानगरपालिका और जिला प्रशासन ने मनपा प्रशासकीय इमारत में सेंट्रल कंट्रोल रूम की सेवा शुरू की है। अब तक कॉल पर ही काम चल रहा था, लेकिन अब कंट्रोल रूम के सॉफ्टवेयर को अपडेट कर लिया गया है। कॉल आते ही मरीज को एक लिंक भेजी जाती है, जिसमें पूरा ब्योरा भरना पड़ता है। मनपा के डॉक्टर उस ब्योरा को पढ़ने के बाद तय करते है कि उसे कौन सा बेड चाहिए। इस आधार पर मरीज को अस्पताल की जानकारी दी जाती है। अस्पताल और मरीज को एक ओटीपी भेजा जाता है, ताकि भर्ती होने में परेशानी न हो।

यह है प्रारंभिक प्रक्रिया
बेड की मारामारी को देखते हुए 5 मई को इस व्यवस्था की शुरूआत हुई थी, लेकिन यह काम अब तक फोन कॉल्स पर ही चल रहा था। अब अपडेशन होने से तुरंत बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले मरीज को सेंट्रल कंट्रोल रूम के फोन नंबर 0712-2567021 पर कॉल करना होता है। इस नंबर के साथ 15 टेलीफोन जुड़े हैं। रोटरी क्लब के 10 सदस्य आने वाले कॉल्स रिसिव करते हैं। इसके बाद मरीज का पूरा ब्योरा ऑनलाइन दर्ज किया जाता है।

बेड तय करने के लिए 15 डॉक्टर 
मनपा ने सेंट्रल कंट्रोल रूम के लिए 15 डॉक्टरों की नियुक्ति की है। तीन शिफ्ट में वे 24 घंटे सेवारत हैं। एक-एक शिफ्ट में 4-4 डॉक्टर्स सेवा दे रहे हैं। जब मरीज का पूरा ब्योरा दर्ज होता है, तो यह डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज की हालत कैसी है। इस आधार पर ऑक्सीजन, आईसीयू या वेंटिलेटर्स बेड तय किया जाता है। आवश्यकता होने पर मरीजों से संपर्क भी किया जाता है। उनसे पूछा जाता है कि उन्हें सरकारी में या निजी अस्पताल में बेड चाहिए। कुछ लोग अपने क्षेत्र में ही किसी अस्पताल में बेड चाहते हैं। डॉक्टर तुरंत बेड की स्थिति सर्च करते हैं। मनचाहे अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने पर इसकी जानकारी मरीज को दी जाती है। या ऐसे अस्पताल में कोई मरीज दो घंटे के भीतर डिस्चार्ज होनेवाला हो तो नए मरीज के लिए बुक कर दिया जाता है। अन्यथा दूसरे अस्पताल में बेड बुक कर दिया जाता है।

-कॉल आने के बाद सेंट्रल कंट्रोल रूम से सारी प्रक्रिया पूरी की जाती है। बेड की बुकिंग होने पर संबंधित अस्पताल व पेशंट को एक ओटीपी भेजा जाता है। अस्पताल में भर्ती होने के समय यह ओटीपी दिखाना पड़ता है। दो घंटे बाद मरीज से फिर पूछताछ की जाती है कि वह भर्ती हुआ या नहीं।  
-5 से 15 मई तक 2893 कॉल्स सेंट्रल कंट्रोल रूम को आए। इनमें से 60 फीसदी से अधिक मरीजों को बेड उपलब्ध करा देने 
की जानकारी सूत्रों ने दी है। कंट्रोल रूम में आनेवाले कॉल्स के हिसाब से सभी मरीजों को भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। 
16 मई को 98 कॉल्स आए थे। इनमें से 66 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 2 मरीजों को बेड की आवश्यकता नहीं थी। कॉल्स करने वाले 25 लोगों ने दोबारा प्रतिसाद नहीं दिया। 3 लोग अज्ञात कारण से भर्ती नहीं हुए। 2 मरीजों की मृत्यु हो गई। 
-किसी भी अस्पताल में आपात स्थिति के मरीजों को छोड़ बाकी मरीजों को कंट्रोल रूम से ही बेड दिलाए जा रहे हैं। कंट्रोल रूम से भर्ती करने भेजे जाने वाले मरीजों को वापस नहीं भेजा जा रहा है। मरीज के भर्ती करने के बाद अस्पताल द्वारा कंट्रोल रूम को सूचना दी जाती है। 

Created On :   18 May 2021 7:24 AM GMT

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