अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घेरा

डिजिटल डेस्क, मुंबई । जिन-जिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ अदालतों ने प्रतिकूल टिप्पणी की उन्होंने नैतिकता का पालन करते हुए इस्तीफे दे दिए थे यह कहते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घेरा। शुक्रवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए पवार ने कहा कि सहकारिता मंत्री के फैसले में हस्तक्षेप के मामले में नागपुर खंडपीठ ने मुख्यमंत्री की कार्यशैली का आलोचना की है जिसके चलते कैबिनेट की कलह खुलकर सामने आ गई है। राज्य के मुख्यमंत्री पर अदालत ने जिस तरह टिप्पणी की है वह राज्य की गौरवशाली परंपरा के अनुरुप नहीं है। दरअसल सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में भर्ती की अनुमति दी थी। मंत्रालय ने इससे जुड़ा आदेश भी जारी किया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस फैसले को रोक दिया था। इस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी की कि मुख्यमंत्री को अर्ध न्यायिक निर्णय को बदलने या संबंधित विभाग के मंत्री के काम में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई ने मामले में कहा कि अभी अदालत के फैसले की प्रति प्राप्त नहीं हुई है और प्रति मिलने पर ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।
दूध में मिलावट करने वालों को हो फांसी-अजित पवार
विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने शुक्रवार को विधानसभा में मांग की कि दूध में मिलावट करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूध में मिलावट करने वाले बच्चों की जान से खिलवाड कर रहे हैं। राज्य में दूध में मिलावट करने वालों का बड़ा रैकेट फैला हुआ है। उन्होने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने दूध में मिलावट करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करने की मांग की थी लेकिन राष्ट्रपति ने उसे मंजूरी नहीं दी। पवार ने मांग की कि राज्य की सहकारी समितियों को दूध के पाउडर के निर्यात की भी इजाजत दी जानी चाहिए। भाजपा के हरिभाऊ बागडे ने दूध के व्यवसाय से जुड़े लोगों की समस्या को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया था जिस पर अजित पवार ने यह मांग की।
Created On :   18 March 2023 10:45 AM IST












