नागपुर के 82% लोगों में एंटीबॉडी तैयार, चौथी लहर का खतरा नहीं

Antibodies ready in 82% of Nagpur people, no risk of fourth wave
नागपुर के 82% लोगों में एंटीबॉडी तैयार, चौथी लहर का खतरा नहीं
राहत नागपुर के 82% लोगों में एंटीबॉडी तैयार, चौथी लहर का खतरा नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना की चौथी लहर को लेकर दुनिया भर के विशेषज्ञ विश्लेषण कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया और चीन समेत अन्य 15 एशियाई देशों व अमेरिका में कोरोना के नए मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में भारत में भी विश्लेषण किया जाने लगा है। कोरोना की चौथी लहर आएगी या नहीं, फिलहाल इस बारे में किसी ने स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन संतरानगरी नागपुर की बात करें तो यह सुरक्षित शहर की श्रेणी में माना जा सकता है। अब तक यहां 82 फीसदी लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज ले लिया है। इसलिए उनमें एंटीबॉडी तैयार है। विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर में साल भर तक एंटीबॉडी बनी रहती है। 16 जनवरी 2021 को शहर में वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। इसके 60 दिन बाद यानी 15 मार्च से दूसरा डोज देना शुरू हुआ था। शहर में  पहले डोज का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा हो चुका है। वहीं, बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या भी 70 हजार पार हो चुकी है। आने वाले समय में दूसरा व बूस्टर डोज लेने वाले बढ़ जाएंगे। इसलिए माना जा रहा है कि नागपुर शहर कोरोना की चौथी लहर से सुरक्षित है।

एक साल खतरा नहीं : संक्रमित होने के बाद शरीर में नेचुरल इम्यूनिटी तैयार होती है। सीरो सर्वे से पता चला है कि संक्रमितों में एंटीबॉडी तैयार हो चुकी है। इसलिए उनमें दूसरी बार संक्रमण की आशंका 6 से 12 महीने तक न के बराबर है। वहीं, यहां 82 फीसदी पात्र लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया है। इसलिए उनके भीतर भी एंटीबॉडी बन चुकी है, जो साल भर तक खतरे से दूर रखेगी। मनपा सूत्रों के अनुसार, अब तक शहर में पहला डोज लेने वालों की संख्या 100 फीसदी हो चुकी है। यह संख्या 20, 49,000 है। दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 82 फीसदी यानी 16,80,000 है। वहीं बूस्टर डोज लेनेवालों की संख्या 70,000 हजार के पार हो चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो शहर सुरक्षित है। बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या बढ़ेगी तो और भी राहत महसूस की जा सकेगी। पिछले महीने शुरू हुए 15 से 17 आयु वर्ग वालों की संख्या 84000 हो चुकी है। वहीं, 12 से 14 आयु वर्ग वालों की संख्या 750 से अधिक हो गई है। 

एंटीबॉडी का असर दिखा तीसरी लहर में : काेरोना की दूसरी लहर के दौरान जो त्रासदी देखी गई, वह तीसरी लहर के दौरान दिखाई नहीं दी। इसका कारण दूसरी लहर के दौरान लोग सुरक्षा नियमों का पालन करने लगे थे। वहीं वैक्सीनेशन की शुरुआत होते ही लोगों ने वैक्सीन लेना शुरू कर दिया था। एक-एक दिन में 20 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन का पहला डोज देकर सुरक्षित किया गया। इसलिए उनके शरीर मंे एंटीबॉडी तैयार होने लगी थी। तीसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों की संख्या 4000 तक पहुंचने के बावजूद उनमें तेजी से सुधार हुआ। दूसरी लहर जैसी समस्या से गुजरना नहीं पड़ा। एंटीबॉडी होने से नाममात्र औषधि से ही मरीज संक्रमण मुक्त हो रहे थे। अब दूसरा और बूस्टर डोज की संख्या बढ़ने पर और राहत मिलेगी।
 

Created On :   24 March 2022 4:47 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story