अरुण गवली ने नागपुर की सेंट्रल जेल में किया सरेंडर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अरुण गवली को नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में समर्पण के लिए पांच दिन का समय दिया था। अरुण गवली ने नागपुर की सेंट्रल जेल में समर्पण कर दिया। सूत्रों के अनुसार गवली को 13 मार्च को उसकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था, तबसे वह मुंबई में था। लॉकडाउन के कारण नागपुर मध्यवर्ती कारागृह नहीं लौट सका था। इस बीच उसने पैरोल की समयावधि बढ़ाने की गुजारिश की थी। हाईकोर्ट ने गवली की पैरोल पांच दिन बढ़ाया था। साथ ही यह भी आदेश दिया था कि 5 दिनों में शेष 3 दिन के भीतर गवली को नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में समर्पण करना होगा।
45 दिन की पैरोल पर छूटा था : अरुण गवली को नागपुर खंडपीठ ने 13 मार्च को 45 दिन की पैरोल पर रिहा किया था। लॉकडाउन के कारण दो बार उसकी पैरोल बढ़ाई गई। 22 मई को हाईकोर्ट ने उसकी पैरोल बढ़ाने से इनकार कर दिया। उसे मुंबई के पास तलोजा जेल में समर्पण के आदेश दिए गए। कोर्ट के आदेश के अनुसार गवली तलोजा जेल पहुंचा, तो जेल अधीक्षक ने कोरोना संक्रमण के डर से उसे जेल में प्रवेश देने से इनकार कर दिया। तब गवली ने नागपुर विभागीय आयुक्त के पास अर्जी लगाई। अंतत: उसे हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने गत शुक्रवार को यह फैसला दिया है। मुंबई के शिवसेना नगरसेवक की हत्या के अपराध में गवली नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में सजा काट रहा है। गवली की ओर से एड. मीर नगमान अली ने पक्ष रखा था।
Created On :   27 Aug 2020 5:40 AM GMT