फर्जी साइन कर अटेंडेंट की सैलरी बनाई जा रही, अस्पताल प्रशासन कुंभकर्णी नींद में

Attendants salary is being made by making fake sign, hospital administration Kumbhakarni is sleeping
फर्जी साइन कर अटेंडेंट की सैलरी बनाई जा रही, अस्पताल प्रशासन कुंभकर्णी नींद में
मेडिकल में फिर घोटाला फर्जी साइन कर अटेंडेंट की सैलरी बनाई जा रही, अस्पताल प्रशासन कुंभकर्णी नींद में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में एक और घाेटाला सामने आया है। फर्जी साइन कर अटेंडेंट की सैलरी बनाई जा रही है। एक शिफ्ट में 7 फर्जी साइन की जानकारी मिली है, लेकिन अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी तक नहीं।  मेडिकल में 24 घंटे मरीजों का इलाज होता है। यहां पर 24 घंटे अटेंडेंट की भी ड्यूटी लगती है। सभी अटेंडेंट को अलग-अलग शिफ्ट दी जाती है। इसमें शाम को लगने वाली शिफ्ट में करीब 17 लोगों की अटेंडेंस लगाई जा रही है, लेकिन काम करने वाले और शिफ्ट पर रहने वाले सिर्फ 10 लोग हैं। इसके अतिरिक्त अटेंडेंस रजिस्टर में 7 लोगों के नाम और उनकी उपस्थिति लगाई गई है। बताया जा रहा है कि यह लोग कभी अस्पताल में ड्यूटी नहीं करते, इसके बावजूद इनकी सैलरी बनकर आती है, जो सुपरवाइजर के हिस्से में चली जाती है।

दूसरे अटेंडर को हो रहा नुकसान
फर्जी साइन लगाने से जो अटेंडर लगातर समय से ड्यूटी कर रहे हैं, उनका नुकसान हो रहा है। दरअसल सभी अटेंडर को अलग-अलग और अलटरनेट ड्यूटी दी जाती है। कम लोग रहते हैं तो 30 दिन ड्यूटी मिलती है, जिससे सैलरी भी पूरी मिलती है। लेकिन ज्यादा लोग दिखते हैं तो प्रतिमाह 20 दिन की ड्यूटी होती है। इस घोटाले में 7 अतिरिक्त लोगों की ड्यूटी को दिखाया जा रहा है। इस कारण एक अटेंडर को 30 दिन की जगह सिर्फ 18 दिन ड्यूटी मिल रही है और 18 दिन की सैलरी तैयार की जा रही है।

अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं 
मुझे अभी इस विषय में कोई जानकारी नहीं है और न ही इससे संबंधित कोई शिकायत आई है।  -डॉ. सुधीर गुप्ता, अधिष्ठाता, मेडिकल अस्पताल

अटेंडर के लिए 3-4 कंपनी हैं मेडिकल में
हर कंपनी का मेडिकल में अलग ऑफिस है, जहां अटेंडेंट की ड्यूटी असाइन की जाती है। साथ ही अटेंडेंस और अन्य कार्य किया जाता है। अटेंडेंट को कार्य पर रखने के लिए 3-4 ठेकेदार हैं, जो कि करीब 20 अटेंडेंट को कार्य पर रखते हैं। प्रशासन टेंडर के अनुसार, ठेकेदार को रुपए देता है और ठेकेदार काम करने वाले अटेंडर को। इसमें ठेकेदार कई घोटाले करते हैं। अटेंडर को 12500 रुपए प्रतिमाह देने होते हैं, लेकिन ठेकेदार 9500 प्रतिमाह देता है। इसके अलावा फर्जी साइन करवा कर प्रशासन से ऐसे लोगों की भी रुपए लेते हैं, जो कि वहां काम नहीं करते। वर्तमान में कोविड का हवाला देकर सभी अटेंडर को 5500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। 
 

Created On :   12 Aug 2021 4:53 AM GMT

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