इंजीनियरिंग के बुरे दिन , कॉलेज ही नहीं, सीटों में भी गिरावट के आसार

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इंजीनियरिंग के बुरे दिन , कॉलेज ही नहीं, सीटों में भी गिरावट के आसार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर विभाग में इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिक्त सीटों की बढ़ती संख्या के कारण कॉलेजों के बुरे दिन जारी हैं। चार इंजीनियरिंग कॉलेजों ने अपना कामकाज बंद करने का प्रस्ताव राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय को भेजा है। इस पर गुरुवार को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में चर्चा होगी। प्रस्ताव में मेघे समूह का 1 आर्किटेक्चर और 3 इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं। इसी के साथ मनोहर भाई पटेल इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ पाठ्यक्रमों का भी समावेश है। इस सूची में एक बीएड कॉलेज भी शामिल हैं। एकेडमिक काउंसिल में कुछ कॉलेजों में साइंस पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ाने पर भी चर्चा होने जा रही है। 

वेतन देने में आड़े आई तंगी
अनेक वर्षों से इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग आधी सीटें खाली रही रही हैं। इस वर्ष कोराेना संक्रमण की वजह लगे लॉकडाउन के बाद इंजीनियरिंग कॉलेजों की आर्थिक हालत खराब हो गई है। स्टाफ के वेतन और कॉलेज चलाने के लिए तक पैसे की तंगी हो रही है। 

कुछ वर्ष से ट्रेंड कुछ ऐसा है 
मौजूदा ट्रेंड पर भी नजर डालें तो अधिकांश विद्यार्थी या तो प्रबुद्ध इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश लेना पसंद करते हैं या फिर पारंपारिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं। 

ऐसी रही स्थिति 
शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नागपुर विभाग के 47 इंजीनियरिंग कॉलेजों की कुल 18 हजार 240 सीटों में से 8898 सीटें खाली रह गई थी। 
सत्र 2018-19 में नागपुर विभाग में इंजीनियरिंग की 23 हजार 498 सीटों पर 8 हजार 200 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए थे। 15 हजार सीटें खाली थी। 
वर्ष 2017-18 के शैक्षणिक सत्र में नागपुर की कुल 22 हजार 226 इंजीनियरिंग सीटों में से करीब 10 हजार 25 सीटें खाली रह गई थी।
 
 

Created On :   29 Oct 2020 8:36 AM GMT

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