बरगी डायवर्सन घोटाले की नहीं होगी दोबारा जांच

Bargi Diversion scam of Rs 133 cr will not be scrutinized again
बरगी डायवर्सन घोटाले की नहीं होगी दोबारा जांच
बरगी डायवर्सन घोटाले की नहीं होगी दोबारा जांच

डिजिटल डेस्क,भोपाल। 133 करोड़ रुपए के बरगी डायवर्सन घोटाले की फिर से जांच नहीं होगी। ये कहना है नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य का। विधानसभा सदन में दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान मंत्री लाल सिंह आर्य ने ये बात कही। 

विधायक यादवेंद्र सिंह के सवाल के जवाब में राज्यमंत्री ने बताया कि मुख्य सचिव को कटनी के एक व्यक्ति ने 19 जून 2017 को शिकायत की थी कि बरगी डायवर्सन परियोजना की मुख्य नहर आरडी 104 किमी से आरडी 129 किमी तक के निर्माण में लगभग 133 करोड़ रुपयों की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाकर ठेकेदार को लाभ दिया गया है। ऐसी ही शिकायत विधायक सौरभ सिंह ने 16 सितंबर 2015 में भी की थी। यह शिकायत महालेखाकार की आपत्तियों पर आधारित है जिसका उत्तर महालेखाकार को दिया जा चुका है।

विधायक रजनीश सिंह ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि सिवनी में जनसंपर्क अनुदान के तहत हितग्राहियों के खातों में राशि क्यों नहीं दी जा रही है। विधायक के इस सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जिले में जनसंपर्क अनुदान के तहत हितग्राहियों के खातों में राशि इसलिए नहीं दी जा सकी, क्योंकि उनके पास आधार नंबर नहीं था।

वहीं विधायक नीलेश अवस्थी को ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने बताया कि वर्तमान में निर्धारित शेड्यूल के अनुसार कृ़षि फीडरों पर दस घंटे एवं गैर कृषि फीडरों पर 24 घंटे बिजली दी जा रही है। प्रदेश में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही।

विधायक आरिफ अकील के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल ने 9 मार्च 2012 को धारा 420, 120 बी तथा 13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जिला कटनी की 14 राईस मिल तथा अवधेश तिवारी, आरपी शर्मा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कटनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले में जांच के बाद अभियोजन साक्ष्य नहीं पाए जाने पर मामला 12 अप्रैल 2017 को बंद कर दिया गया।

Created On :   19 July 2017 4:56 AM GMT

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