मेडिकल व एम्स में बढ़ेंगे बेड , राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

Beds will increase in medical and AIIMS, information given to the High Court
मेडिकल व एम्स में बढ़ेंगे बेड , राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
मेडिकल व एम्स में बढ़ेंगे बेड , राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में फैलते कोरोना संक्रमण की समस्या पर केंद्रित सू-मोटो जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। जिसमें राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया गया कि वे जल्द ही शहर के मेडिकल और एम्स अस्पताल की बेड क्षमता बढ़ाने वाले हैं, ताकि कोरोना मरीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा बेड उपलब्ध हो सकें। 25 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक में निर्णय हुआ कि मेडिकल को कुल 1000 बेड क्षमता वाला अस्पताल बनाया जाएगा। इसलिए मौजूदा सभी 600 बेड इस्तेमाल में लाकर अतिरिक्त 400 बेड उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पर हाईकोर्ट ने विभागीय आयुक्त, मनपा आयुक्त और मेडिकल के अधिष्ठाता को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि मेडिकल में सभी 1000 बेड सुचारु रहें। वहीं इनके अनुरूप पर्याप्त चिकित्सक और स्टाफ भी उपलब्ध हो। मेडिकल में यह सुविधाएं निर्मित करने के लिए 1 माह का समय दिया गया  है। राज्य सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि उक्त बैठक में निर्णय हुआ कि शहर के एम्स की क्षमता भी 500 से बढ़ाई जाएगी। इस पर कोर्ट ने एम्स प्रबंधन को एक सप्ताह में विस्तृत प्लान के साथ हाजिर होने को कहा है।

आईएमए-रोटरी इंटरनेशनल  डेढ़ करोड़ देने को तैयार
इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईएमए) के अधिवक्ता भानुदास कुलकर्णी ने बताया कि संगठन को रोटरी इंटरनेशनल ने 1.50 करोड़ रुपए का निधि उपलब्ध कराया है। शहर के नागपुर नागरिक सहकारी रुग्णालय 150 बेड क्षमता वाला समर्पित कोविड अस्पताल बनाने के लिए यह निधि इस्तेमाल में लाया जा सकता है। कोर्ट ने आईएमए व रोटरी इंटरनेशनल को आदेश दिए हैं कि वे दो दिन में मनपा को प्रस्ताव दें, इसके बाद मनपा इस पर जल्द से जल्द निर्णय ले। मामले में एड. श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र हैं, एड. निधि दयानी उन्हें सहकार्य कर रही हैं। 

गरीबों का इलाज सरकारी योजना से 
बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि क्या वे आर्थिक रूप से कमजोर तबके के कोरोना मरीजों के इलाज में कोई आर्थिक मदद कर सकते हैं या फिर निजी अस्पतालों में उनका इलाज हो ऐसी व्यवस्था कर सकते हैं? इस पर मंगलवार को विभागीय आयुक्त ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार की महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कोरोना व अन्य 20 बीमारियांे के इलाज के लिए शहर के 31 निजी और 9 सरकारी अस्पतालों में प्रबंधन किए गए हैं। राज्य सरकार की इस बीमा योजना के तहत यहां इलाज कराया जा सकता है। राज्य सरकार अस्पतालों को प्रतिपूर्ति देगी। विभागीय आयुक्त ने राय दी कि शहर के अन्य सभी निजी अस्पतालों को भी इस योजना से जुड़ना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने निजी अस्पतालों को भी योजना से जुड़ने का आव्हान किया। 1 अक्टूबर को महापौर की विशेष समिति को निजी अस्पताल प्रबंधनों के साथ बैठक कर इस दिशा में निर्णय लेने के आदेश दिए गए हैं।
 

Created On :   30 Sep 2020 9:59 AM GMT

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