हिंदू समाज पर केंद्रित रहेगा भाजपा का प्रचार
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में राजनीतिक स्थिति का आकलन करते हुए भाजपा ने हिंदू समाज पर केंद्रित प्रचार कार्य की योजना बनाई है। शिवसेना में विभाजन के बाद भाजपा को लगता है कि वह हिंदू समाज के मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। लिहाजा विशेष प्रचार कार्य को गति दी जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद इस रणनीति को गति देने का संगठनात्मक निर्णय लिया गया है। 4 व 5 मार्च को रामभाऊ प्रबोधिनी समागृह मुंबई में भाजपा प्रवक्ताओं का प्रशिक्षण शिविर होगा। उस शिविर में कार्य योजना की पूरी जानकारी दी जाएगी।
सभी जिलों के प्रचार प्रमुखों को शिविर में बुलाया
शिविर में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के अलावा प्रदेश प्रवक्ता केशव उपाध्ये, माधव भंडारी प्रमुखता से मार्गदर्शन करेंगे। मीडिया प्रभारी नवनाथ बन व सह प्रभारी विश्वास पाठक भी संगठनात्मक नीतिगत जानकारी देंगे। इसमें नागपुर से प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण दटके, धर्मपाल मेश्राम, चंदन गोस्वामी, शिवानी दाणी, मिलिंद कानडे शामिल होंगे। विदर्भ के सभी जिलों के प्रचार प्रमुखों को भी शिविर के लिए बुलाया गया है।
योजना कुछ इस प्रकार है
भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की 10 व 11 फरवरी को हुई बैठक में महाविजय 2024 का संकल्प लिया गया। इस अभियान के तहत राज्य में लोकसभा की 48 में से 45 सीटें और विधानसभा की 288 में से 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है। भाजपा के आकलन के अनुसार 2019 के विधानसभा चुनाव के भाजपा को राज्य में हिदू समाज के 28 प्रतिशत मत मिले थे। शिवसेना को 19 प्रतिशत, कांग्रेस को 18 प्रतिशत व राकांपा को 17 प्रतिशत मत मिले। हिंदुत्व के मुद्दे की राजनीति कर रही शिवसेना में विभाजन हुआ है। शिवसेना का नेतृत्व बदल गया है। शिवसेना के नए प्रमुख एकनाथ शिंदे को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया है। भाजपा को लगता है कि हिंदू समाज का मतदान अधिक मिलेगा तो राज्य में न केवल उद्धव ठाकरे का राजनीतिक महत्व कम हो जाएगा, बल्कि कांग्रेस व राकांपा भी काफी पिछड़ जाएगी। भाजपा के प्रवक्ताओं को विवादित बयानोें से दूर रहने को कहा जाएगा। कोविड संक्रमण काल में धार्मिक स्थलों को बंद रखने के अलावा अन्य विषयाें को भी प्रमुखता से चर्चा में लाया जाएग। हनुमान चालीसा को लेकर राजनीति का विषय छेड़कर अन्य दलों को हिंदू विरोधी ठहराने का प्रयास किया जाएगा।
Created On :   21 Feb 2023 6:21 AM GMT