जंगल सफारी की टिकटों की कालाबाजारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आपने रेल टिकट की कालाबाजारी देखी होगी, लेकिन जंगल सफारी के टिकटों की भी इन दिनों कालाबाजारी हो रही है। इसे लेकर पर्यटकों में रोष है। यह मामला ताडोबा का है। सूत्रों की माने तो तत्काल टिकट खिड़की खुलते ही टिकटें सेल हो जाती हैं। बताया गया कि, टिकट दलाल टिकटें बुक कर ज्यादा कीमतों पर बेचते हैं। ताडोबा के एक जानकार ने अपना नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
नहीं होता है : तत्काल में चारों गेट की टिकटें मिलती हैं : विदर्भ का ताडोबा जंगल हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां बाघों की संख्या काफी ज्यादा है। तेंदुए आदि वन्यजीव भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। जिसके कारण यहां चारों गेट पर आने वाले पर्यटकों की भीड़ काफी ज्यादा होती है। विशेषकर गर्मी में जंगल में कम हरियाली होने से वन्यजीवों का दीदार आसानी से होता है, इसलिए इस समय ज्यादा भीड़ रहती है। ऑनलाइन बुकिंग के साथ ऑन स्पॉट टिकट बुकिंग सुविधा भी वन विभाग ने की है। साथ ही 3 दिन पहले तत्काल का कोटा के िलए खिड़की ओपन की जाती है, यह खिड़की सुबह ठीक 8 बजे खुलती है। इस खिड़की से चारों गेट की टिकटें मिलती हैं, लेकिन इन दिनों किसी को भी तत्काल कोटा में टिकट नहीं मिल रही है, क्योंकि सुबह से टिकट की प्रतीक्षा में बैठे रहने के बाद भी यह खिड़की ओपन ही नहीं होती है, बल्कि 8 बजे खुलते ही कुछ ही देर में सारी टिकटें बिक जाती हैं। इसके पीछे टिकट की कालाबाजारी करने वाला गिरोह काम कर रहा है। इस पर वन विभाग ध्यान नहीं देता है।
तत्काल में चारों गेट की टिकटें मिलती हैं : विदर्भ का ताडोबा जंगल हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां बाघों की संख्या काफी ज्यादा है। तेंदुए आदि वन्यजीव भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। जिसके कारण यहां चारों गेट पर आने वाले पर्यटकों की भीड़ काफी ज्यादा होती है। विशेषकर गर्मी में जंगल में कम हरियाली होने से वन्यजीवों का दीदार आसानी से होता है, इसलिए इस समय ज्यादा भीड़ रहती है। ऑनलाइन बुकिंग के साथ ऑन स्पॉट टिकट बुकिंग सुविधा भी वन विभाग ने की है। साथ ही 3 दिन पहले तत्काल का कोटा के िलए खिड़की ओपन की जाती है, यह खिड़की सुबह ठीक 8 बजे खुलती है। इस खिड़की से चारों गेट की टिकटें मिलती हैं, लेकिन इन दिनों किसी को भी तत्काल कोटा में टिकट नहीं मिल रही है, क्योंकि सुबह से टिकट की प्रतीक्षा में बैठे रहने के बाद भी यह खिड़की ओपन ही नहीं होती है, बल्कि 8 बजे खुलते ही कुछ ही देर में सारी टिकटें बिक जाती हैं। इसके पीछे टिकट की कालाबाजारी करने वाला गिरोह काम कर रहा है। इस पर वन विभाग ध्यान नहीं देता है।
Created On :   3 April 2023 11:37 AM IST