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पैरों में बना नसों का गुच्छा, काटकर निकाला मेडिकल के सर्जन ने, निकाली दो फीट लंबी नस
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज के सर्जन ने एक मरीज के पैर के भीतर उलझी नसों का ऑपरेशन कर बाहर निकाला। गुरुवार सुबह दो घंटे से अधिक समय तक चले इस ऑपरेशन के बाद लगभग दो सालों से पैरों के दर्द से पीडि़त परमानंद को राहत मिली। जिला अस्पताल के सर्जिकल ऑपरेशन थिएटर में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है।
परासिया के ग्राम बेलगांव निवासी 30 वर्षीय परमानंद साहू के पैरों में गुच्छा बन चुकी दो फीट लंबी नस सर्जन डॉ.मनन गोगिया और उनकी टीम ने ऑपरेशन कर बाहर निकाली। डॉ.मनन ने बताया कि परमानंद के पैरों में खून का प्रवाह करने वाली नसें आपस में उलझ गई थी। इस बीमारी को वैरीकोस वेन्स कहा जाता है। नसों के उलझने की वजह से मरीज को पैरों में काफी दर्द होता है। ऑपरेशन के बाद पैरों के दर्द से मरीज को काफी राहत मिलेगी।
लगातार खड़े रहने से होती है बीमारी
सर्जन ने बताया कि ऐसे जॉब जिसमें लम्बे समय तक खड़ा रहना पड़ता है उन्हें वैरीकोस वेन्स बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। जो व्यक्ति आठ से दस घंटे लगातार खड़ा रहता है। उसके पैरों में खून का प्रभाव प्रभावित होता है। इस वजह से पैरों की नसें काम करना बंद कर देती हैं और नसों का गुच्छा बन जाता है। इसका ऑपरेशन करना जरुरी होता है।
पैर काटने की भी नौबत आ जाती है
यदि पैरों के भीतर खराब नसें काफी दिनों तक रहे तो उसमें छाले बन जाते है। ये छाले सालों तक ठीक नहीं होते। ऐसी स्थिति में पैर भीतर से खराब होने की संभावना अधिक होती है। इलाज में लापरवाही बरती जाए तो पैर काटने की नौबत आ जाती है।
मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की टीम ने किया ऑपरेशन
जिला अस्पताल में पहली बार हुए वैरीकोस वेन्स बीमारी के ऑपरेशन में मेडिकल कॉलज के सर्जन के साथ जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ मौजूद था। टीम में सर्जन डॉ. मनन गोगिया, डॉ.श्रीमती पी गोगिया, डॉ.एमके सोनिया, डॉ.प्रेरणा, स्टाफ नर्स शिवकुमारी और पुष्पलता शामिल थे।
Created On :   20 July 2018 8:40 AM GMT