बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई का नागपुर में छापा

CBI raids in Nagpur in bank loan fraud case
बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई का नागपुर में छापा
कार्रवाई बैंक लोन फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई का नागपुर में छापा

डिडिटल डेस्क, नागपुर। सीबीआई मुंबई की टीम ने बैंक से लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने के मामले में गुरुवार को नागपुर में मे. परमशक्ति स्टील्स लिमिटेड के दो निदेशकों के घर पर छापा मारा। यूनियन बैंक से हुई 35.89 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में यह कार्रवाई हुई। कंपनी के नागपुर में रहने वाले दो निदेशकों से पूछताछ हुई। कई दस्तावेज बरामद किए गए। सीबीआई मुंबई टीम की पूरी कार्रवाई बेहद गोपनीय रही। सीबीआई नागपुर को भी इसकी भनक तक नहीं लगी। मुंबई, ठाणे व नागपुर में एक साथ कई जगह कार्रवाई की गई। इस मामले को लेकर 12 जुलाई को सीबीआई मुंबई ने निजी कंपनी के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी व साजिश का मामला दर्ज किया था। 

यह है प्रकरण : मुंबई की मे. परमशक्ति स्टील्स लिमिटेड ने यूनियन बैंक मुंबई शाखा से 2014 से 2016 के दौरान 40 करोड़ की लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) ली थी। कंपनी ने यह एलसी मे. रत्नेश इस्पात सर्विस प्रा. लि. के फेवर में ली थी। 40 करोड़ की एलसी 90 दिन के लिए (27 जनवरी 2016 से 27 अप्रैल 2016) ली थी। 90 दिन का समय पूरा होने पर भी कंपनी की तरफ से भुगतान  नहीं हुआ था। कंपनी ने बैंक पहुंचकर एलसी की मियाद 180 दिन बढ़ाने की गुहार लगाई थी। मियाद खत्म होने के बाद भी जब भुगतान नहीं हुआ तो यूनियन बैंक मुंबई के तत्कालीन उपमहाप्रबंधक गिरधारीलाल सेंदू ने 17 नवंबर 2020 को इस मामले की शिकायत सीबीआई मुंबई से की थी। जांच में पाया गया कि कंपनी ने बैंक से कर्ज लेकर उसकी रकम  का उपयोग अपने निजी फायदे के लिए किया। इसे कारोबार में नहीं लगाया। यहां तक कि निजी कंपनी की मोटर लॉरी रसीदें भी फर्जी पाई गईं। इसके अलावा, बैंक द्वारा किए गए निरीक्षण से पता चला कि कोई स्टॉक और कर्मचारी भी यहां नहीं हैं। 

इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मामला : सीबीआई मुंबई ने 12 जुलाई 2022 को कंपनी के निदेशक राजेंद्र कुमार चौधरी, पंकज ए. रांका, सुमित आे. अाहुजा व अज्ञात  के खिलाफ धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया। सीबीआई ने गुरुवार सुबह मुंबई, ठाणे व नागपुर में कंपनी के कार्यालय, निदेशकों के आवासों समेत 10 जगह छापे मारे। तीनों शहरों में एक साथ कार्रवाई हुई। सीबीआई मुंबई की टीम गुरुवार सुबह कंपनी के निदेशक पंकज ए. रांका के वकीलपेठ व निदेशक  सुमित आे. अाहुजा के बगड़गंज स्थित आवास पर पहुंची आैर दोनों निदेशकों से पूछताछ की। छापे के दौरान दस्तावेज जब्त किए गए।

बेजल ज्वेलर्स इंडिया प्रा. लिमिटेड पर भी हुई कार्रवाई :   एक अन्य मामले में सीबीआई मुंबई ने बैंकोें से हुई 55.27 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में बेजल ज्वेलर्स इंडिया प्रा. लिमिटेड मुंबई के 4 निदेशकों, लोक सेवक व अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपियों में कंपनी के निदेशक मेहुल चिनुभाई चोकसी, चेतना जयंतीलाल झवेरी, दिनेश गोपालदास भाटिया, मिलिंद अनंत लिमये व अन्य शामिल हैं। कंपनी को रुपए की कार्यशील पूंजी सुविधा स्वीकृत की गई थी। कंसोर्टियम व्यवस्था के तहत केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा क्रमशः 30 करोड़ और 25 करोड़ रुपए। सोने और हीरे जड़ित आभूषणों के निर्माण और बिक्री के लिए ऋण स्वीकृत किया गया था। कंपनी द्वारा अपने दीर्घकालिक उधारों को चुकाने के लिए बैंक के धन का उपयोग किया गया था। प्रारंभ में कपनी ने कर्ज का भुगतान किया।  बैंकों को 55.27 करोड़ का चूना लगाया। मुंबई में तीन परिसरों पर छापामार कार्रवाई हुई आैर दस्तावेज व कुछ सामान जब्त किया गया।  दोनों ही मामले की जांच सीबीआई मुंबई शाखा कर रही है। 
 

Created On :   15 July 2022 5:56 AM GMT

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