नागपुर मेट्रो की रहेगी धीमी चाल, 25 कि.मी रफ्तार से ही चलेगी

CMRS say for nagpur metro speed will be 25 km
नागपुर मेट्रो की रहेगी धीमी चाल, 25 कि.मी रफ्तार से ही चलेगी
नागपुर मेट्रो की रहेगी धीमी चाल, 25 कि.मी रफ्तार से ही चलेगी

अतुल मोदी , नागपुर। ड्रीम प्रोजेक्ट मेट्रो का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं लेकिन शुरू होेने के पहले ही मेट्रो की स्पीड को लेकर मिली जानकारी हैरानी में डालने वाली है।  हमारी मेट्रो ट्रेन को शुरुआत में 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की अनुमति दी गई है। यह स्पीड कमिश्नर आॅफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) ने मेट्रों के कार्यों का निरीक्षण करने के बाद दी।  यह स्पीड देश में 164 साल पहले चलने वाली पहली ट्रेन से भी कम है। उसकी स्पीड भी 33.7 किमी प्रति घंटे थी। इसी तरह नागपुर से चलने वाली अन्य पैसेंजर ट्रेनें भी 35 से 58 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।

स्पीड बढ़ने पर तुरंत ब्रेक लगेंगे
शहर में मेट्रो ट्रेन को लेकर पूरा उत्साह है। काम भी जोरों से हो रहा है। उम्मीद भी है कि जल्द ही शहरवासी हवा से बातें करती मेट्रो की सवारी करेंगे, लेकिन इसमें मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने ब्रेक लगा दिया है। सीएमआरएस ने जनवरी में शहर में चल रहे मेट्रो रेल के कार्य का मुआयना किया था। इसके बाद जारी रिपोर्ट में उन्होंने साफ किया है कि नागपुर मेट्रो की अधिकतम गति 25 किमी ही रखी जाए। इसका खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त जानकारी में हुआ है। उल्लेखनीय है कि नागपुर मेट्रों ने उत्तर-दक्षिण सेक्शन में खापरी से विमानतल तक का ट्रायल रन लिया था व अब इस सेक्शन के मध्य व्यावसायिक सेवा शुरू करने जा रही है। इसके लिए सीएमआरएस ने 25 किमी की अधिकतम गति की अनुमति दी है। यदि इसकी गति 23 किमी के ऊपर जाती है और गति 25 किमी के ऊपर न जाए, इसके लिए इसके ब्रेक लगने शुरू हो जाएंगे। इसके बाद भी यदि गति 25 किमी प्रति घंटा के ऊपर चली जाती है, तो आपात ब्रेक कार्य करने लगेंगे, जिससे ट्रेन जहां की तहां रुक जाए।

अन्य ट्रेनों की स्पीड अधिक
देश में मेट्रो ट्रेन की औसत गति 80 किमी प्रति घंटा है। दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद आदि में मेट्रो 60 से 80 किमी. प्रति घंटा की गति से दौड़ती  है। इस हिसाब से नागपुर में चलने वाली मेट्रो ट्रेन सबसे धीमी गति की होगी। 

1853 में बोरीबंदर से ठाणे तक चली थी पहली पैसेंजर ट्रेन
164 साल पहले भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में महाराष्ट्र के मुंबई में बोरीबंदर स्टेशन से ठाणे तक चली थी। हालांकि इस पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार बहुत धीमी थी। जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन को 33.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया था। बोरीबंदर स्टेशन से ठाणे तक चलने वाली भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन से 14 डिब्बे जुड़े थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह काफी लम्बी भी थी।

दो कॉरिडोर में 38.21 किलोमीटर का ट्रैक 
मेट्रो रेल परियोजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल से 20 अगस्त 2014 को मंजूरी मिली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्ययोजना का 21 अगस्त 2014 को शिलान्यास किया था। नागपुर मेट्रोे को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि ये शहर की यातायात व्यवस्था को न सिर्फ बेहतर करे, बल्कि देश के तेरहवें सबसे बढ़े शहर के विकास में तेजी लाए। नागपुर मेट्रो रेल तंत्र 38.21 किलोमीटर लंबा है। यह दो कॉरिडोर में बंटा है, उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर। 19.65 किलोमीटर लंबा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर आॅटोमेटिव चौक से मिहान तक होगा, जबकि पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर 18.55 किलोमीटर लंबा है, वो प्रतापति नगर से लोकमान्य नगर तक होगा। 

हमें अभी 25 किमी प्रति घंटे की ही अनुमति मिली
चूंकि अभी करीब 5 किमी में ही मेट्रो चलेगी, इसलिए हमें 25 किमी की गति की स्पीड से चलाने की अनुमति मिली है। जब मेट्रो रेल का पूरा जाल बिछ जाएगा, तब 80 किमी की गति मांगी जाएगी।
-ब्रजेश दीक्षित, प्रबंध निदेशक, नागपुर मेट्रो


 

Created On :   14 March 2018 6:56 AM GMT

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