आयुक्त मुंढे पर आरोप, स्मार्ट सिटी सीईओ पद पर जमाया कब्जा

Commissioner Munde accused, occupy the post of Smart City CEO
आयुक्त मुंढे पर आरोप, स्मार्ट सिटी सीईओ पद पर जमाया कब्जा
आयुक्त मुंढे पर आरोप, स्मार्ट सिटी सीईओ पद पर जमाया कब्जा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्मार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ रामनाथ सोनवने का फरवरी-2020 का पद रिक्त होने के बाद मनपा अायुक्त तुकाराम मुंढे ने खुद को सीईओ घोषित कर अवैध रूप से इस पद पर कब्जा जमा लिया है। दरअसल, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को सीईओ की नियुक्ति का अधिकार है। सोनवने का तबादला होने के बाद बोर्ड की बैठक ही नहीं हुई। श्री मुंढे ने स्मार्ट सिटी के अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप महापौर संदीप जोशी ने लगाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह निर्माण व शहरी प्रबंधन मंत्रालय, नई दिल्ली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, केंद्रीय परिवहन मंत्री, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, जिले के पालकमंत्री, एनएसएससीडीसीए चेअरमैन, स्मार्ट सिटी डायरेक्टर, दिल्ली आदि से शिकायत की है।

नियुक्ति का अधिकार बोर्ड को, जनवरी के बाद से नहीं हुई मीटिंग
स्मार्ट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट कार्पोरेशन केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रकल्प है। महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार और नागपुर मनपा ने संयुक्त रूप से कंपनी एक्ट के तहत इसका रजिस्ट्रेशन कराया है। शहर विकास के विविध प्रकल्पों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मंजूरी से अमल में लाया जाता है। सीईओ कंपनी का प्रमुख प्रशासकीय अधिकारी है। इस पद पर नियुक्ति का अधिकार भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को है। जनवरी माह में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग हुई थी। इसके बाद कोई मीटिंग नहीं हुई।

महिला कर्मचारियों पर अन्याय
एचआर पॉलिसी के तहत महिला कर्मचारियों को मैटर्निटी लीव देना अनिवार्य होने पर भी अवकाश से लौटने पर लीव बेनिफिट नहीं मांगने की शर्त पर ज्वाइन कराया गया। कोरोना संक्रमण के चलते क्वारेंटाइन महिला कर्मचारी को काम पर बुलाया गया। महिला कर्मचारियों को प्रताड़ित कर अन्याय किए जाने का आरोप महापौर ने आरोप लगाया है।

अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए
महापौर ने शिकायत में कहा है कि, आयुक्त ने सीईओ पद पर कब्जे के बाद अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पर्यावरण क्षेत्र में ट्रांसफर स्टेशन प्रकल्प को 12वीं सभा में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मंजूर किया था। निविदा प्राप्त होने के बाद 18 फरवरी 2020 को उसे रद्द कर दिया। 50 करोड़ के बायो मायनिंग प्रकल्प के लिए निधि स्थानांतरित कर निविदा जारी की गई। िवजय बनगीरवार की 10वीं सभा में नियुक्ति को मंजूरी दी गई थी। उनसे इस्तीफा ले लिया गया। जनरल मैनेजर (मोबिलिटी)  और ओएसडी (नॉन टेक्नीकल)  को अपनी मूल आस्थापना पर भेजा गया। महेश मोरोणे की उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर नियुक्ति को महासभा ने मंजूरी दी थी। बावजूद उन्हें एडिशनल चार्ज दिया गया। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बिना अनुमति के पद का दुरुपयोग किया है। 

Created On :   20 Jun 2020 1:00 PM GMT

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