कोरोना संकट में बुरे हैं हाल, एक-एक लॉकर में 3-4 अस्थियां

Corona is bad in crisis, 3-4 bones in each locker
कोरोना संकट में बुरे हैं हाल, एक-एक लॉकर में 3-4 अस्थियां
कोरोना संकट में बुरे हैं हाल, एक-एक लॉकर में 3-4 अस्थियां

डिजिटल डेस्क,  नागपुर। कोरोनाकाल में तमाम मुश्किलों के साथ अस्थियां रखने की भी परेशानी है। शहर में कोरोना से अभी तक 300 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। नियम के मुताबिक एक लॉकर में एक ही मृतक की अस्थि रखी जानी चाहिए, लेकिन  कोरोनाकाल के कारण मजबूरी ऐसी है कि एक-एक लॉकर में 3-4 मृतकों की अस्थियां रखीं गईं हैं। इसके पीछे बड़ा कारण मृतक के परिजनों का क्वारेंटाइन होना भी है। 

यह है परेशानी
शहर में 10 दहनघाट हैं, जिसमें से मोक्षधाम, गंगाबाई और अंबाझरी घाट पर कोरोना मृतकों की अंतिम क्रियाएं की जा रही हैं। मोक्षधाम में 24 लॉकर, गंगाबाई घाट में 12 और अंबाझरी घाट में 48 लॉकर हैं। मोक्षधाम, गंगाबाई घाट और अंबाझरी घाट में एक-एक लॉकर में 3-4 अस्थियां रखी गई हैं। गंगाबाई दहन घाट के कार्यालय के  टेबल पर भी अस्थियां रखी हुईं मिलीं। नियम के मुताबिक एक लॉकर में एक ही मृतक की अस्थि रखी जानी चाहिए, लेकिन  कोरोनाकाल के कारण ऐसी मजबूरी आई है। 

यह भी है कारण : दरअसल, कई परिवारों में अस्थियों को नदी में प्रवाहित करने की परंपरा रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में आवागमन बंद हो गया और अस्थियां ताले में बंद पड़ी रहीं। कुछ मामले ऐसे भी हैं कि मृतक के परिजन भी क्वारेंटाइन हो गए, इसलिए अस्थियां लेने कोई नहीं आया।  

शहर के विभिन्न दहनघाटों पर लॉकर की स्थिति
सहकारनगर घाट : लॉकर की व्यवस्था नहीं।
फ्रेंड्स कॉलोनी घाट : 12 लॉकर हैं। 6 में अस्थियां हैं, जबकि 6 खाली हैं। हर लॉकर में एक ही अस्थि कलश है।
मानेवाड़ा घाट : 12 लॉकर हैं, सभी में अस्थियां रखी हैं। यहां एक लॉकर में एक ही अस्थि कलश रखा गया है।
वाठोड़ा घाट : लॉकर की व्यवस्था नहीं है।
दिघोरी घाट : लॉकर की व्यवस्था नहीं है।
शांति नगर घाट : 12 लॉकर हैं, 3 में अस्थि कलश हैं, जबकि 9 खाली हैं।
मानकापुर घाट : 12 लॉकर हैं, 8 में अस्थि कलश रखे गए हैं। 4 खाली हैं। प्रत्येक लॉकर में एक ही अस्थि कलश रखा गया है।
विभिन्न घाटों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आंकड़े)

रात के 10 बजे  तक आ रहे शव
कोरोना मृतकों की संख्या और बढ़ गई है। कई बार तो रात के 10 बजे तक शव लाए जाते  हैं। कोरोना मृतकों के परिजनों को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाता है, इसलिए संबंधित परिवार की अस्थियां रखी रहती हैं। कई बार परिजन रिश्तेदारों को अस्थि विसर्जन के लिए बता देते हैं।  मोक्षधाम में 24 लॉकर हैं।
-शैलेन्द्र गोरे, मोक्षधाम

कार्यालय में रखी हैं अस्थियां
गंगाबाई घाट में 12 लॉकर हैं। हर लॉकर में 3-4 अस्थियां रखी हैं। कई अस्थियां लॉकर के बाहर कार्यालय में रख दी गईं हैं। कारणवश कोई नहीं आ पाता है, तो अस्थियां रखी रह जाती हैं। परिजन कुछ समय बाद आकर ले जाते हैं। फकीरचंद मेश्राम, गंगाबाई घाट

मृतक के नाम की  चिट्‌ठी रहती है
अस्थियों की संख्या ज्यादा है और लॉकर की कमी है। एक लॉकर में 3-4 अस्थियां रखी जा रही हैं, जबकि एक ही अस्थि रखी जानी चाहिए। कई अस्थियां तो 2 वर्ष से रखी हुई हैं। कोरोना से मृत व्यक्तियों के परिजन क्वारेंटाइन होने की दशा में रिश्तदारों को अस्थियां ले जाने के लिए कह देते हैं। अस्थियों पर मृतक के नाम की चिट्‌ठी लगा दी जाती है।-डीपी टेभेंकर, धरमपेठ मुख्य स्वच्छता अधिकारी

Created On :   10 Aug 2020 6:27 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story