कूनो में चीतों को संभालने में हो रही मुश्किल, अब नए घर की तलाश

Difficulty in handling cheetahs in Kuno, now looking for a new home
कूनो में चीतों को संभालने में हो रही मुश्किल, अब नए घर की तलाश
मध्यप्रदेश कूनो में चीतों को संभालने में हो रही मुश्किल, अब नए घर की तलाश

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों का परिवार बढ़ता हुआ नजर आने लगा है। जिसको लेकर मध्य प्रदेश की वन विभाग टीम ने मध्य प्रदेश सरकार से कहा कि 19 चीतों को एक साथ रखने में बहुत परेशानी आ रही है और उनको संभालना मुश्किल हो रहा है। मध्य प्रदेश की वन विभाग टीम ने सरकार से चीतों के लिए दूसरे घर की मांग की है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने भी तत्काल नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को सूचना देते हुए कहा कि चीतों के लिए दूसरे घर की तलाश की जाए, क्योंकि खुले जंगल में 19 चीतों की निगरानी करना मुश्किल काम है।

इस पूरे मामले में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि '748 स्क्वायर किलोमीटर में फैला कूनो नेशनल पार्क में केवल 9-10 चीते रह सकते हैं। क्योंकि चीतों को 300 से 800 किलोमीटर की जगह चाहिए।' अधिकारी ने आगे बताया कि 4 चीतों को जंगल में छोड़ा गया है। इन 4 में से दो ओबान और आशा बफर जौन के बड़े इलाके तक जा रहे हैं। ओबान को पास के एक गांव से पकड़कर वापस पार्क लाया गया है।

उन्होंने ने कहा, 'हमने 18 अधिकारियों की दो टीमों को जंगल में चीतों की 24 घंटे देख-रेख के लिए तैनात किया था। उन्होंने कहा कि, जंगल में 17 चीतों की निगरानी के लिए ड्रोन, जिप्सी, वायरलेस सेट से लैस कम से कम 126 वन अधिकीरियों की आवश्यकता है।' वन विभाग अधिकारी ने बताया कि, पार्क में इतने लोगों के निगरानी से प्राकृतिक वातावरण प्रभावित होगा। एक दूसरे अधिकारी ने कहा,'हम पार्क में किसी भी तरह का शोरगुल करना नहीं चाहते इसलिए हमने एनटीसीए को दूसरा घर तलाश ने को कहा है'।

उन्होंने कहा है कि, 'हम जानते हैं कि कूनों में सभी चीतों के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। इसलिए नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य, मुकंदरा वन्यजीव अभयारण्य और गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य को उनके लिए अन्य संभावित घरों के रूप में चुना गया था।' वहीं उन्होंने कहा कि, राजस्थान में मुकंदरा हिल्स तैयार है और इस संबंध में पर्यावरण मंत्रालय और एनटीसीए को फैसला लेने की जरूरत है। मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यजीव संरक्षक जेएस चौहान ने कहा है कि, 'हम चीतों की परियोजना के साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसलिए हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं और इसके बारे में एनटीसीए को सूचित कर दिया है। एनटीसीए और पर्यावरण मंत्रालय अंतिम फैसला लेगा। 

Created On :   18 April 2023 8:36 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story