दो घंटे अस्पताल के बाहर बैठे रहे डॉक्टर, ओपीडी मेें रही गहमागहमी आंदोलन के तीसरे दिन जिले में आज ठप रहेंगी चिकित्सीय सेवाएं

Doctors sitting outside the hospital for two hours, there was chaos in the OPD Medical services will come
दो घंटे अस्पताल के बाहर बैठे रहे डॉक्टर, ओपीडी मेें रही गहमागहमी आंदोलन के तीसरे दिन जिले में आज ठप रहेंगी चिकित्सीय सेवाएं
मध्य प्रदेश दो घंटे अस्पताल के बाहर बैठे रहे डॉक्टर, ओपीडी मेें रही गहमागहमी आंदोलन के तीसरे दिन जिले में आज ठप रहेंगी चिकित्सीय सेवाएं

डिजिटल डेस्क, सिवनी। शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ के आव्हान पर गुरूवार को जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल सहित जिले के अन्य शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों ने अपनी मांगों के समर्थन में दो घंटे काम नहीं किया। पूर्व घोषणानुसार शासकीय चिकित्सकों ने सुबह 10 बजे से 12 बजे तक दो घंटे काम नहीं किया। जिला अस्पताल में मांगों के समर्थन में चिकित्सक चिकित्सीय कार्य बंद करते हुए मुख्य भवन के बाहर आकर बैठ गए। लखनादौन, केवलारी व बरघाट सिविल अस्पताल सहित घंसौर व धनौरा स्थित शासकीय अस्पताल में भी ऐसी ही स्थिति रही। छपारा अस्पताल में तो शासकीय चिकित्सक तख्ती थाम कर लगातार दो घंटे तक जमीन पर बैठे रहे। आंदोलन के चलते जिला प्रशासन के निर्देश पर सीएचएचओ डॉ. राजेश श्रीवास्तव द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए आयुष व संविदा चिकित्सकों की तैनाती कराई गई थी। हालांकि वैकल्पिक इंतजाम नाकाफी रहे। जिला अस्पताल में तो दो घंटे स्थिति बेकाबू रही। ओपीडी में मरीजों का भारी मजमा रहा और गहमागहमी की स्थिति बनी रही। महासंघ द्वारा आज शुक्रवार 17 फरवरी को पूरी तरह से समस्त चिकित्सीय एवं प्रशासनिक कार्य बंद रखने का निर्णय लिया गया है। यदि ऐसा होता है तो जिला अस्पताल सहित जिले के अन्य अस्पतालों में भर्ती मरीजों व रोजाना पहुंचने वाले मरीजों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।

परेशान होते रहे मरीज व परिजन  

आंदोलन के चलते जिला अस्पताल में मरीज व उनके परिजन दो घंटे भटकते नजर आए। ओपीडी सहित वार्डों में भर्ती मरीजों को परेशान होना पड़ा। जिला अस्पताल में पदस्थ शासकीय चिकित्सक सुबह 10 बजे मुख्य भवन के बाहर आकर बैठ गए। अपनी मांगों के समर्थन में काम बंद करने वाले चिकित्सक दोपहर 12 बजने के बाद ही उठे और काम पर वापस लौटे। सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर का कक्ष भी बंद रहा। दो घंटे तक बाहर रहने वाले चिकित्सकों शासकीय सेवारत चिकित्सक तो मौजूद रही रहे, वहीं निजी क्लिनिक व नर्सिंग होम संचालकों ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए जहां 2 घंटे तक अपने निजी क्लिनिक व नर्सिंग होम बंद रखे, वहीं जिला अस्पताल पहुंचकर आंदोलन का समर्थन भी किया। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डॉ. श्रीकृष्णा सुरोठिया, डॉ. दीपक अग्निहोत्री, डॉ. पुष्पा तेकाम, डॉ. पुरूषोत्तम सूर्या, डॉ. टीकाराम बांद्रे, डॉ. लोकेश बिसेन, डॉ. योगेश अग्रवाल, डॉ. लोकेश चौहान, डॉ. अनिल दिवाकर, डॉ. पवन राहंगडाले, डॉ. मुकेश अहिरवार, डॉ. प्रसून श्रीवास्तव, डॉ. अभय सोनी, डॉ. प्रदीप ठाकुर, डॉ. राजेश्वरी कुशराम, डॉ. ज्योति झारिया, डॉ. चेतना बांद्रे, डॉ. रितु तरवरे, डॉ. शिवानी पटेरिया, डॉ. पारस पटेरिया, डॉ. शिल्पा सहलाम, डॉ. संचिता उइके, डॉ. महेन्द्र ओगारे आदि मौजूद रहे।

Created On :   17 Feb 2023 3:12 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story