इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई संस्कृत माध्यम से भी हो 

Engineering, medical studies should also be done through Sanskrit medium.
इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई संस्कृत माध्यम से भी हो 
इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई संस्कृत माध्यम से भी हो 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रामटेक स्थित कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य वक्ता योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि संस्कृत भाषा की संपन्नता को देखते हुए मौजूदा समय में इसके विस्तार की जरूरत है। अब वक्त आ गया है कि इंजीनियरिंग, मेडिकल, एमबीए व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी संस्कृत माध्यम से पढ़ाए जाएं। 

अगर कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय इस दिशा में कदम आगे बढ़ाता है तो पतंजलि योगपीठ विश्वविद्यालय उन्हें सहयोग प्रदान करेगा। भारतीय शिक्षा मंडल कक्षा पहली से 12वीं तक संस्कृत भाषा अनिवार्य करने जा रहा है, इसके लिए जरूरी संस्कृत शिक्षक संस्कृत यूनिवर्सिटी उपलब्ध कराए। विश्व में संस्कृत भाषा की प्रतिष्ठा और अधिक बढ़ाने के लिए हम सबको मिलजुल कर काम करना होगा।

यह कार्यक्रम ऑनलाइन मोड में सुबह 11 बजे आयोजित किया गया था। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इसकी अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा दिल को छूने वाली भाषा है। संस्कृत के प्राचीन शास्त्रों का आज अध्ययन होना जरूरी है। प्राचीन ज्ञान के साथ संस्कृत भाषा में आधुनिक ज्ञान को भी शामिल किया जाना चाहिए। यूनिवर्सिटी कुलगुरु डाॅ. श्रीनिवास वरखेडी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास से जुड़ी जानकारियां दीं। 

इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में संस्कृत यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलगुरु डॉ. पंकज चांदे और कैवल्यधाम लोनावला के सचिव ओमप्रकाश तिवारी को संस्कृत भाषा में अतुलनीय योगदान के लिए मानद डी.लिट उपाधि दी गई। डॉ. विनय पी को एकेडमिक डी.लिट दी गई। एम.ए संस्कृत विषय की छात्रा सायली पेशवे को प्रथम क्रमांक पर आने के लिए  सर्वाधिक 7 गोल्ड मेडल व पुरस्कारों से नवाजा गया। प्रवीणा प्रकाश शेट्टी और चंद्रकांत बालकृष्ण मोघे को सर्वोत्तम शोध प्रबंध के लिए मेडल प्रदान किया गया। कम लोगों की उपस्थिति में हुए प्रत्यक्ष कार्यक्रम में इनका सम्मान किया गया। 

Created On :   9 Sep 2020 6:56 AM GMT

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