शिवाजी के वेश में बाजे-गाजे के साथ आए मस्कर्या गणपति , आज से गणेशोत्सव की धूम

Every festival is special in Nagpur city, there is a tradition of masqueria Ganpati in Nagpur
शिवाजी के वेश में बाजे-गाजे के साथ आए मस्कर्या गणपति , आज से गणेशोत्सव की धूम
शिवाजी के वेश में बाजे-गाजे के साथ आए मस्कर्या गणपति , आज से गणेशोत्सव की धूम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। त्योहारों के शहर नागपुर में हर त्योहार खास होता है। पितृपक्ष में जहां पूरे देश में पितरों को तर्पण देकर उनके मोक्ष के उपाय करता है वहीं नागपुर में मस्कर्या गणपति  की परंपरा है। पितृपक्ष के दौरान इस बार भी गणपति उत्सव की शुरूआत हो रही है। विभिन्न सार्वजनिक गणेश मंडलों द्वारा जगह-जगह मस्कर्या गणपति की स्थापना की जा रही है। ऐतिहासिक मस्कर्या गणपति का शिवाजी महाराज के वेश में आगमन गुरुवार को गाजे-बाजे के साथ हुआ। गणेशजी शुक्रवार को सीनियर भोसला पैलेस, महल में विराज रहे हैं।। 

राजे खंडोजी भोसले ने की थी 1755 में स्थापना
शिवाजी महाराज के रूप में 8 फीट ऊंची गणपति की शोभायात्रा गुरुवार को  गांधी पुतला, सेंट्रल एवेन्यू से निकलकर बडकस चौक, केलीबाग रोड, कोतवाली चौक, नरसिंग टाकीज चौक होते हुए सीनियर भोसला पैलेस पहुंची। मस्कर्या गणपति उत्सव की शुरुआत सन 1755 में राजे खंडोजी महाराज भोसले उर्फ चिमणाबापू ने पितृपक्ष में की थी। बंगाल राज्य पर विजय के बाद लौटते समय पारंपरिक गणेशजी का विसर्जन हो चुका था। बंगाल पर विजय का आनंदोत्सव मनाने के लिए मस्कर्या गणपति की स्थापना की गई। इस दौरान लावनी, खड़ी गम्मत, नकल आदि मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

सार्वजनिक उत्सव की परंपरा बरकरार
कालांतर में लोकमान्य तिलक ने पारंपरिक गणपति को सार्वजनिक उत्सव का रूप दिया। राजे खंडोजी महाराज द्वारा शुरू की गई मस्कर्या गणपति की परंपरा बरकरार है। प सन् 2005 में उत्सव को 250 वर्ष पूर्ण होने पर राजे मुधोजी भोसले द्वारा सीनियर भोसला ग्रुप महाराजा ऑफ नागपुर ट्रस्ट की ओर से उत्सव मनाया गया। खंडोजी महाराज के कार्यकाल मेंं 21 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाती थी जिसके 12 हाथ होते थे। सन् 2005 से 12 हाथों वाले गणेशजी की साढ़े तीन फीट ऊंची प्रतिमा पूजा के लिए स्थापित की जाती है और मूल गणपति की ऊंचाई 8 फीट रहती है।
 

गणेश विसर्जन झांकी प्रतियोगिता में ‘मध्य नागपुर का राजा’ प्रथम
युवा चेतना मंच की ओर श्री गणेश विसर्जन झांकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें ‘मध्य नागपुर का राजा’ को प्रथम पुरस्कार मिला। गोल्डन क्रीड़ा मंडल को द्वितीय तथा मस्कासाथ मछली मार्केट के बाल गणेश उत्सव मंडल को तृतीय पुरस्कार दिया गया। मंच ने सभी मंडलों से केरल में राहत कार्य में सहयोग अनुदान देने का आह्वान किया।  

Created On :   28 Sep 2018 5:35 AM GMT

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