तेंदुए के कैद होते ही कृषि कार्य में जुटे गोलाई के किसान

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट में सतपुड़ा की पहाड़ी के सबसे ऊपर बसे गोलाई, रानीगांव खेत शिवार से सटे धुलघाट रेलवे वन परिक्षेत्र में एक तेंदुए ने 25 दिन से दहशत फैला रखी थी। आखिरकार अमरावती व परतवाड़ा वन विभाग के रेस्क्यू दल ने इस आदमखोर तेंदुए को ट्रैंक्युलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया जिससे गोलाई गांव के ग्रामीणों ने चैन की सांस ली। करीब एक माह से तेंदुए की दहशत से डरे सहमे किसान शुक्रवार को एक बार फिर अपने खेत में फसलों के काम में जुट गए।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दहशत मचानेवाले नर तेंदुए की उम्र लगभग 4 वर्ष की है। 25 दिनों में उसने गोलाई तथा अासपास के गांव के किसानों के पालतु प्राणियों का शिकार किया था। गोलाई गांव के रामजी डाई की दो बकरियां, उसी गांव में रहनेवाले शेख पाशा शेख चांद की भैंस, नागनाथ डाबकर के खेत से एक बछड़ा और उसके बाद लहू मुंडे नामक किसान के खेत से एक ओर बछड़े का शिकार कर गांववासियों में भारी दहशत फैल गई थी। ग्रामीणों ने खेत में जाना बंद कर दिया था। जब तेंदुआ खेत में बने तबेले में बंधे जानवरों का शिकार करने लगा तो किसान इन जानवरों को अपने घर लाकर घर के सामने बांध देने लगे।
करीब 10 दिन पहले मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने गोलाई व रानीगांव तथा अासपास के क्षेत्र में तेंदुए की दहशत को खत्म करने उसे तत्काल पिंजरे में कैद करने के निर्देश दिए थे। जिसे देखते हुए इस आदमखोर तेंदुए को पकड़ने परतवाड़ा व अमरावती वन विभाग का रेस्क्यू दल गोलाई गांव गया था। वहां 5 दिन डेरा दाखल रहने पर भी तेंदुआ जब वन विभाग के हाथ नहीं लगा। आखिरकार गुरुवार की शाम 6 बजे यह तेंदुआ गोलाई गांव के निकट एक खेत में आते ही वन विभाग के रेस्क्यू दल ने उसे गन से ट्रैंक्युलाइज कर पिंजरे में कैद किया। तेंदुए के कैद होते ही गांववासियों ने 25 दिन बाद दहशत से छुटकार मिल गया।
Created On :   25 Feb 2023 3:27 PM IST












