30 अप्रैल को चांदनी रात में कर सकेंगे वन्यजीवों का दीदार

Forest areas like pench, tadoba, bore, melghat in Vidarbha maharashtra
30 अप्रैल को चांदनी रात में कर सकेंगे वन्यजीवों का दीदार
30 अप्रैल को चांदनी रात में कर सकेंगे वन्यजीवों का दीदार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। 30 अप्रैल को चांदनी रात में इस बार वन्यजीव प्रेमी वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे। इसके लिए  वन विभाग ने  निसर्गानुभव कार्यक्रम का आयोजन किया है। कार्यक्रम के लिए विदर्भ में 141 मचान बनाए जाएंगे। इन मचानों से चांद की रोशनी में वन्यजीवों का दीदार किया जा सकेगा। 30 अप्रैल को दोपहर 3 बजे से 1 मई सुबह 8 बजे तक मचान पर बैठकर निरीक्षण किया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए वनप्रेमी को ऑनलाइन रिजर्वेशन करना होगा। रिजर्वेशन के लिए 16 अप्रैल को सुबह 11 से 18 अप्रैल की शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। 

अद्भुत पलों का होगा अनुभव   
उल्लेखनीय है कि विदर्भ में पेंच, ताड़ोबा, बोर, मेलघाट जैसे जंगल क्षेत्र हैं। इसमें बाघ सहित बड़ी संख्या में अन्य वन्यजीवों की गणना के लिए गत वर्ष इस कार्यक्रम को ‘मचान गणना’ नाम दिया गया था। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य जंगल क्षेत्र में कितने और कौनसे प्राणियों की मौजूदगी है, पता करना था। हालांकि कुछ समय बाद यह गणना अविश्वसनीय रहने की बात सामने आई। इसके बाद इस वर्ष से इसे बंद कर कार्यक्रम को ‘निसर्गानुभव’ नाम दिया गया है। ‘निसर्गानुभव’ कार्यक्रम के तहत वनप्रेमी चांद की रोशनी में मचान पर बैठ कर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीवों का दीदार कर अद्भुत पलों का अनुभव लेंगे।  निसर्गानुभव के लिए विदर्भ में 141 मचान बनाये गए हैं। इनमें चोरबाहुली में 18, पश्चिम पेंच में 8, सालेघाट में 16, नागलवाड़ी में 13, न्यू बोर में 8, उमरेड में 5, कुही में 8, पवनी में 8, टिपेश्वर में 18, खरबी में 18, बिटरगांव में 8 व उमरखेड़ में 13 मचानों का समावेश रहेगा। 

स्टूडेंट्स के लिए विशेष सुविधा
पेंच व्याघ्र प्रकल्प व बोर व्याघ्र प्रकल्प में सहभाग होने के लिए 1700 रुपए शुल्क व उमरेड, पवनी, कर्हांडला अभयारण्य व पैनगंगा अभयारण्य में सहभागी के लिए 1200 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क अदा करना पड़ेगा। आरक्षण के समय ही इसे ऑनलाइन भरना जरूरी है। 18 वर्ष से अधिक आुय के छात्रों के लिए अलग से मचान आरक्षित रखे गए हैं। छात्र, महाविद्यालय का पहचान पत्र, निवासी प्रमाण पत्र संबंधित वनपरिक्षेत्र कार्यालय में 16 से 18 अप्रैल तक 500 रुपए शुल्क के साथ पंजीयन करा सकेंगे।  

ग्रामीणों के लिए विशेष तौर पर मचान आरक्षित
वन्य जानकारों के अनुसार जंगल जिन गांव से सटे हैं, उन गांवों के लोगों का जंगल के प्रति अपनापन काफी कम हो गया है। उनसे संबंध मधुर करने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है। मचान निरीक्षण के दौरान गांव के कुछ लोगों को गार्ड के साथ पूरी रात जागते हुए पानी पीने के लिए कौन-से प्राणी कैसे आते हैं, इसका निरीक्षण कराया जाएगा, ताकि उनको जंगल की परिस्थिति का अनुभव हो। वर्तमान में आग लगने से लेकर प्राणियों के अवैध शिकार के प्रति गांव के लोगों का रवैया उदासीन है। इस तरह के नये प्रयोग से वह वन विभाग के खबरी बन सकते हैं। ग्रामीणों के लिए विशेष तौर पर मचान आरक्षित रखे हैं। 
 

Created On :   13 April 2018 8:25 AM GMT

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