वनराज को पिंजरे में कैद करने में जुटी वनविभाग की टीम
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। नागभीड़ तहसील के घोझाझरी अभयारण्य में कुछ दिन पूर्व महुआ बीनने गये तुकुम के अरुण रंधये पर बाघ ने हमला कर दिया था जिसमें उसकी मौत हो गई। इस घटना से गांव में दहशत फैल गई। इस घटना के बाद अनेक नागरिकों को बाघ दिखाई दिया। इसलिए उसे पिंजराबंद करने वनविभाग की टीम जंगल की खाक छान रही है। घोड़ाझरी के जंगल में बाघ घूमता दिखाई दे रहा है उसे अनेक लोगों ने अपनी आंखों से देखा है।
जंगल से सटकर घोडाझरी, हुमा, मांगरुड, गोंविदपुर, तुकुम, कोरंबी जैसे अनेक गांव का समावेश है। इन दिनों तेंदूपत्ता और महुआ चुनने का सीजन शुरू है। इसलिए नागरिक गांव के पास तड़के जंगल में चले जाते हैं। जंगल में बाघ की दहशत होने के बावजूद कुछ पैसों के लिए अपने जान को खतरे में डाल रहे हैं। इसी प्रकार जंगल में महुआ चुनने गए अरुण रंधये (55) पर बाघ ने हमला किया था। परिसर के नागरिकों ने बाघ के बंदोबस्त की मांग की। बढ़ते दबाव के चलते वनविभाग ने जगह जगह पर ट्रैप कैमरे लगाए, शूटर तैनात किए। किंतु बाघ बार-बार चकमा दे रहा है। इस जंगल से सटकर कुछ किसानों के खेत भी है। इन खेतों में महुआ के पेड़ हं,ै यह लोग वहां पर भी महुआ चुनने के लिए जाने से किसान घबरा रहे हंै। घोडाझरी के जंगल में अनेकों ने बाघ को देखा है। बाघ की दहशत से महुआ का सीजन जाने का डर सताने लगा है।
Created On :   11 April 2023 3:54 PM IST