सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति के नाम पर 85.73 लाख की धोखाधड़ी, तीन फर्जी कंपनियों के नाम पर ऐंठी रकम

fraud in the name of appointment of security guard in Sitabardi
सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति के नाम पर 85.73 लाख की धोखाधड़ी, तीन फर्जी कंपनियों के नाम पर ऐंठी रकम
सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति के नाम पर 85.73 लाख की धोखाधड़ी, तीन फर्जी कंपनियों के नाम पर ऐंठी रकम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सीताबर्डी थानांतर्गत तीन फर्जी निजी कंपनियों में सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति  के नाम पर  85.73 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मामले में ट्रिग गार्ड फोर्स लि. कंपनी मुंबई को चार आरोपियों ने चपत लगाई है। सुरक्षा गार्ड कंपनी के  अधिकारी विनोद कान्होलकर की शिकायत पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों में रवि कुमार गंजीराला (40), गौतम सनकाले (36) जयताला, योगेश चवलढाल (42) अंबाझरी ले-आउट और गजानन अंजनवाड (34)  शिवाजी चौक, पिंपलखुटा नांदेड निवासी शामिल हैं। मुख्य आरोपी रवि कुमार गंजीराला है। वह ट्रिग गार्ड फोर्स लि. कंपनी का उप महाव्यवस्थापक था। 
 

1375 गार्डों की कागजों पर नियुक्ति  
पुलिस के अनुसार ट्रिग गार्ड फोर्स लि. नामक कंपनी का मुख्य कार्यालय मुंबई में है। कंपनी सलारिया नामक व्यक्ति चलाता है। कंपनी की एक शाखा कार्यालय झांसी रानी चौक सीताबर्डी स्थित विदर्भ साहित्य संकुल में है। कार्यालय में विविध निजी कंपनियों में सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने का कार्य किया जाता है। नागपुर की  शाखा में रवि कुमार उप महाव्यवस्थापक के रूप में था। गौतम कैशियर, योगेश आैर गजानन फिल्ड ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे। 2015 में इन आरोपियों ने एलवीटीपी, इंफ्रा आर्यन ग्रुप आैर परमानंद ट्रेडर्स नामक तीन फर्जी कंपनियों की स्थापना की। इन तीनों कंपनियों में 1375 सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति करने के नाम पर मुख्य कंपनी को पत्र भेजा। कंपनी ने रवि कुमार  को इसकी अनुमति दी। रवि कुमार उनका काफी पुराना अधिकारी था। रवि ने इस कार्य के लिए कैशियर  गौतम, योगेश आैर गजानन को भी अपने साथ शामिल कर लिया। 

7 माह से फरार
सुरक्षा गार्ड कंपनी  ने उक्त तीनों निजी कंपनियों की छानबीन की, तो पता चला कि वह तीनों निजी कंपनियां फर्जी हैं। उसके बाद मामला उजागर हो गया। तब  विनोद दत्तूजी कान्होलकर (34) जयताला निवासी ने इस मामले की शिकायत सीताबर्डी थाने में की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। प्रकरण की जांच कर रहे एपीआई काले ने बताया कि रवि कुमार करीब 7 माह से फरार है।

चेक द्वारा निकाली गई रकम 
आरोपी योगेश और गजानन ने संपूर्ण विदर्भ से सुरक्षा गार्ड की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन लिया, लेकिन इनकी  नियुक्ति नहीं की और इनके दस्तावेजों को मुख्य कंपनी को भेज दिया। आरोपियों ने तीनों निजी कंपनियों के नाम से बैंक में बाेगस खाता खोला। मुख्य कंपनी ने इन सुरक्षा गार्डों के वेतन के लिए 85 लाख 73 हजार 537 रुपए का चेक नागपुर शाखा के कार्यालय में भेज दिया। आरोपियों ने तीनों ही कंपनियों के नाम पर फर्जी बैंक खाते में चेक का भुगतान कर पैसे निकाल लिया। काफी समय बीत जाने पर तीनों कंपनियों ने जब ट्रिग गार्ड फोर्स लि. कंपनी के मुख्य कार्यालय में कोई पैसे नहीं भेजे, तब मुख्य कंपनी को इन तीनों निजी कंपनियों पर शक हो गया। 
 

Created On :   30 Nov 2018 6:33 AM GMT

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