पशु दहनघाट के लिए निधि मंजूर व जगह तय, पर ठेकेदार नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में मृत पशुओं के दहनघाट को पांच साल पहले सरकार की मंजूरी मिली। 3 करोड़ 50 लाख रुपए निधि भी मंजूर हुई। भांडेवाड़ी परिसर में 18 हजार वर्ग मीटर जमीन निश्चित की गई। मनपा ने दहनघाट के लिए 2 बार निविदा जारी की, लेकिन किसी ठेकेदार ने निविदा नहीं भरी। अब तीसरी बार निविदा जारी करने की तैयारी है। स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कार्यकारी अभियंता राजेश दुफारे ने बताया कि आगामी 15 दिन में तीसरी बार निविदा जारी की जाएगी।
एक भी ठेकेदार ने निविदा नहीं भरी : मनपा के स्वच्छता विभाग ने जनवरी 2016 में प्रस्ताव तैयार किया। स्थायी समिति ने प्रस्ताव को मंजूर किया। आयुक्त की मंजूरी के बाद सरकार के पास भेजा गया। साल 2017 में सरकार ने मंजूरी प्रदान की। निधि भी मंजूर की गई। उसके बाद मनपा ने दो बार निविदा जारी की, लेकिन दोनों बार किसी ठेकेदार ने निविदा नहीं भरी। इससे मामला अधर में पड़ गया। मनपा प्रशासन अब एक बार पुन: निविदा जारी करने जा रही है।
इंसिनिरेटर मशीन लगाना है : स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत महानगर पालिका शहर में पशुओं का अत्याधुनिक दहनघाट बनाना चाहती है। भांडेवाड़ी में 18 हजार वर्ग मीटर जगह निश्चित की गई है। बिजली पर चलने वाली इंसिनिरेटर मशीन दहनघाट में लगाई जानी है। मशीन की कीमत करीब 2 करोड़ रुपए बताई जाती है। निविदा जारी कर ठेकेदार को मशीन के इंस्टालेशन की जिम्मेदारी दी जाएगी। मशीन के संचालन की जिम्मेदारी भी ठेकेदार के पास रहेगी।
फिलहाल दफनाया जा रहा : शहर में मरने वाले पशुओं को फिलहाल दफनाया जा रहा है। भांडेवाड़ी में दफन करने के लिए जमीन उपलब्ध कराई गई है। दहनघाट बनने के बाद मृत पशुओं को दफनाना बंद कर मशीन से दहन किया जाएगा।
प्रतिदिन 40 से 45 पशुओं की मौत : शहर में प्रतिदिन 40 से 45 पशुओं की मृत्यु होती है, जिसमें आवारा तथा गो-पालकों के पशुओं का समावेश है। आवारा पशुओं को मनपा कर्मचारी दफनाते हैं। गो-पालकों को अपने पशुओं को खुद दफनाना पड़ता है। बरसात के मौसम में जमीन गीली रहने पर गड्डा खोदने में काफी परेशानी होती है। कम गड्ढा खोदकर दफनाने पर आवारा श्वान गड्ढे से मृत पशुओं के शव निकालकर आस-पास फैला देते हैं। इस समस्या से राहत दिलाने के लिए दहनघाट बनाने का निर्णय लिया गया हैै।
Created On :   2 Jan 2023 3:29 PM IST