मनपा अस्पतालों में डॉक्टर और दवा की कमी से रोष

Fury due to lack of doctors and medicine in Manpa hospitals
मनपा अस्पतालों में डॉक्टर और दवा की कमी से रोष
मनपा अस्पतालों में डॉक्टर और दवा की कमी से रोष

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोविड-19 को मुद्दा बनाते हुए मनपा की कार्यप्रणाली को लेकर सत्तापक्ष व विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर आयुक्त पर हमला बोला। अत्यावश्यक कार्यों पर लगाई गई रोक और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नाराजगी जताई। सदस्यों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों का अभाव है। बजट में औषधि तथा स्वास्थ्य सामग्री के लिए निधि कम की गई। पांच नए अत्याधुनिक सुविधायुक्त अस्पताल बनाए गए हैं, जहां डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, दवाएं हैं ही नहीं। मनपा की आमसभा में स्थगन प्रस्ताव पर चल रही चर्चा तीसरे दिन भी अधूरी रही।  

आक्रामक दिखे वरिष्ठ नगरसेवक
भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी  आक्रामक दिखे।  प्रशासन को निशाने पर रखते हुए दयाशंकर तिवारी ने बजट में औषधि के लिए निधि के प्रावधान में कटौती का मुद्दा उठाकर अायुक्त को घेरा। आयुक्त के बजट में औषधि के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया है। मनपा के 57 नागरी स्वास्थ्य केंद्र तथा 3 क्लीनिक हैं। एक केंद्र के हिस्से में प्रतिदिन 267 रुपए आते हैं। मनपा का स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। कोरोना संक्रमणकाल में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सेवानिवृत्ति की आयुसीमा बढ़ा दी गई है। जबकि नागपुर मनपा में आयुक्त ने डॉक्टरों के इस्तीफे मंजूर किए हैं। प्रवासी मजदूरों के शेल्टर हाउस में नियमित स्वास्थ्य जांच करने के मनपा के दावे पर भी तिवारी ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा िक हंसापुरी शेल्टर होम से अपने गांव लौटने पर सिवनी के 3 मजदूरों की कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। इसकी सूचना नागपुर मनपा प्रशासन को मिलने के बाद शेल्टर होम में रखे गए सभी की जांच कराई गई। 12 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 

आय-व्यय का लेखा-जोखा पटल पर रखने की गुड़धे ने उठाई मांग
कांग्रेस के नगरसेवक प्रफुल्ल गुड़धे ने आर्थिक स्रोत विकसित नहीं करने से मनपा की आर्थिक स्थिति कमजोर होने का तंज कसा। उन्होंने कहा िक पिछले 3 महीने में मनपा की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के सदस्यों का वक्तव्य सरासर गलत है। 10 अगस्त 2018 को स्थगन प्रस्ताव देकर सदन को मनपा की कमजोर आर्थिक स्थिति से अवगत कराए जाने की याद दिलाई। उन्होंने कहा िक तत्कालीन मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में मनपा को समय-समय पर आर्थिक सहायता मिलती रही। उसी के भरोसे मनपा शहर के विकास का चेहरा पेश करती रही। समय रहते मनपा के आर्थिक स्रोत विकसित किए जाते, तो आज यह स्थिति नहीं आती। मनपा की आर्थिक स्थिति से सदन को अवगत कराने के लिए आय-व्यय का लेखा-जोखा पटल पर रखने की उन्होंने मांग की।

आयुक्त पर वार
एक ओर आर्थिक स्थिति खराब होने का बहाना कर आवश्यक कार्य रोके, दूसरी ओर कई कार्य बिना वर्क ऑर्डर के ही हो रहे
भाजपा विधायक व नगरसेवक प्रवीण दटके ने कहा कि मनपा की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने का बहाना बनाकर अत्यावश्यक काम पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा अनेक कार्यों पर बिना वर्क ऑर्डर के खर्च किया गया। इसकी जांच होनी चाहिए। मनपा की आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर है। ऐसे में रास्ता निकालकर काम करना होगा। प्रशासन जनता की नजरों में जनप्रतिनिधियों को कमजोर साबित करने के उद्देश्य से काम कर रहा है। यह प्रशासन की सोची-समझी साजिश है।  

Created On :   26 Jun 2020 6:44 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story