बच्चियां मां के साथ नहीं जाना चाहती थी अमेरिका, हाईकोर्ट ने खारिज की मां की याचिका 

Girls did not want to go with mother to America, High court dismisses mothers plea
बच्चियां मां के साथ नहीं जाना चाहती थी अमेरिका, हाईकोर्ट ने खारिज की मां की याचिका 
बच्चियां मां के साथ नहीं जाना चाहती थी अमेरिका, हाईकोर्ट ने खारिज की मां की याचिका 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाबालिग बेटियों की अमेरिकी नागरिक मां के साथ रहने की अनिच्छा को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें (लड़कियों) मां के साथ रहने का निर्देश देने से इंकार कर दिया है। इसलिए बेटियां अब अपने पिता के साथ भारत में रहेंगी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ता बेटियों की मां है सिर्फ इसलिए लड़कियों की कस्टडी उन्हें नहीं सौपी जा सकती है। बेटियों को कोर्ट में हाजिर करने की मांग को लेकर अमेरिकी नागरिक मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में मां ने आग्रह किया था कि उसे उसकी बेटियां सौपी जाए। क्योंकि उससे अलग हो चुके उसके पति बेटियों को अवैध रुप से अमेरिका से अगस्त 2018 में सिर्फ दो सप्ताह के लिए भारत लाए थे। फिर वे अमेरिका नहीं आए। यह अमेरिकी कोर्ट में बच्चों की कस्टडी को लेकर दिए गए आदेश के खिलाफ है। यही नहीं मेरे पति ने कोर्ट में दिए गए सहमति पत्र का उल्लंघन किया है। उनके मन मे कानून के प्रति सम्मान नहीं  है। इसलिए बेटियों को मुझे सौपा जाए।
 
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले कि खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि बड़ी बेटी की उम्र 17 साल और दूसरी बेटी की उम्र 15 साल है। वे यहां पढ़ाई भी कर रही हैं। पिता की माली स्थिति भी ठीक है। बेटियों से बातचीत में खंडपीठ ने महसूस किया कि भले ही उनका अधिकांश जीवन अमेरिका में बीता है पर अब वे अपने पिता के साथ भारत मे रहने की इच्छुक हैं। बेटियों ने साफ तौर पर कहा वे अपने मां के साथ नहीं पिता के साथ रहना चाहती हैं। इस दौरान खंडपीठ को बताया गया कि अतीत में मां द्वारा किए गए अशिष्ट बर्ताव के चलते भी बेटियां मां के साथ रहने की इच्छुक नहीं है। 

मामले से जुड़े सभी पहलुओं खास तौर से बेटीयों के हित व उनकी उम्र को देखते हुए खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता बेटियों की मां है। सिर्फ इसलिए उन्हें बेटियों को नहीं सौपा जा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि मां व बेटी का स्नेह बना रहे। इसलिए मां को बेटियों से मिलने का अधिकार देते हैं। इसलिए जब भी मां अमेरिका से आए तो उसके यहां रहने की व्यवस्था की जाए और बेटियों से मिलने की इजाजत दी जाए। ऑनलाइन तरीके से भी मां को बेटियों से मिलने की इजाजत होगी। इस तरह से खंडपीठ ने दोनों बेटियों की मां की याचिका को खारिज कर दिया। और बेटियों की कस्टडी पिता को सौप दी। । उसकी तलाश जारी है।

Created On :   26 March 2021 6:54 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story