सरकारी अनाज का बंदरबाट, ट्रक चालक ही करते हैं बेचने का जुगाड़

Government grain monkeys, truck drivers only sell
सरकारी अनाज का बंदरबाट, ट्रक चालक ही करते हैं बेचने का जुगाड़
सरकारी अनाज का बंदरबाट, ट्रक चालक ही करते हैं बेचने का जुगाड़

डिजिटल डेस्क,नागपुर। संतरानगरी में गरीबों के लिए सरकारी अनाज का वितरण करने के लिए राशन दुकानें खोली गई हैं। राशन दुकानदारों में से कुछ लोग समय पर राशनकार्ड धारकों को अनाज नहीं दे पाते हैं। इसके पीछे अक्सर तर्क दिया जाता है कि, एफसीआई  के गाेदाम से दुकान में माल नहीं पहुंचा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एफसीआई के गोदाम से गरीबों को देने के लिए भेजा गया अनाज उन तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है। इसके पीछे कालाबाजारी करने वाले कुछ दुकानदार जितने जिम्मेदार हैं, उतने ही संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी हैं। सूत्रों की मानें तो राशनिंग अनाज की कालाबाजारी के तार कलमना मार्केट में कुछ कारोबारियों से जुड़े हैं।  

मिलता है कमीशन का लालच
सूत्रों के अनुसार कुछ मालवाहक वाहनों की अनाज माफियाओं के साथ कनेक्शन होने के कारण वह दुकानदार से करीब 10 रुपए किलो के भाव से अनाज खरीद लेते हैं। इस अनाज को वह अनाज माफियाओं को 17 रुपए किलो के भाव से बेच देते हैं। इससे 10 रुपए के हिसाब से राशन दुकानदार को पैसे मिल जाते हैं और इधर वाहन चालक को भी इसमें कुछ कमीशन मिल जाता है। सूत्रों के अनुसार सरकारी अनाज को सिर्फ ग्रीन रंग के ट्रकों में ले जाने की अनुमति है, लेकिन पिछले दिनों कलमना क्षेत्र में जो कार्रवाई अपराध शाखा पुलिस की यूनिट 4 ने की थी। वह ट्रक ग्रीन रंग का नहीं था। कुछ समय पहले एफडीए के अधिकारियों ने दावा किया था कि, इस मामले की गहन जांच होगी। 

Created On :   17 Nov 2020 6:11 AM GMT

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