नागपुर में बगैर लक्षण वाले पॉजिटिव का घर में ही इलाज

Homeless treatment in Nagpur without symptoms
नागपुर में बगैर लक्षण वाले पॉजिटिव का घर में ही इलाज
नागपुर में बगैर लक्षण वाले पॉजिटिव का घर में ही इलाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर । नागपुर में बगैर लक्षण वाले कोरोना मरीज अब घर में ही आइसोलेशन में रह सकते हैं। कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या और सीमित संसाधनों को ध्यान में रखते नागपुर महानगरपालिका ने राज्य के जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से 7 जुलाई को जारी दिशा-निर्देश के आधार पर यह निर्णय लिया है। दिशा-निर्देश के अनुसार चिकित्सा की दृष्टि से मरीजों को बगैर लक्षण, सौम्य या अत्यंत सौम्य, मध्यम तीव्र और तीव्र लक्षण वाले मरीजों में बांटा गया है। गंभीरता को देखते हुए कम से ज्यादा के क्रम में मरीजों को कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड सेंटर और डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया जाएगा।

सुविधा होने पर घर में आइसोलेशन की अनुमति
दिशा-निर्देश के अनुसार, बगैर लक्षण वाले ऐसे मरीज जिनके घर में आइसोलेशन के लिए पर्याप्त सुविधा होगी और वे घर में रहने के लिए सहमत होंगे, उन्हें अनुमति दी जाएगी। इसके लिए मरीज को अनुमति-पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा कि वे स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आइसोलेशन की अवधि में घर पर ही रहेंगे।  

चौबीस घंटे देखभाल  के लिए आदमी की जरूरत
घर में मरीजों की चौबीस घंटे देखभाल के लिए किसी न किसी का होना जरूरी होगा। डॉक्टरों की सलाह और प्रोटोकॉल के अनुसार, मरीज के निकट  संपर्क वाले लोगाें को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक लेनी जरूरी हाेगी और मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर हमेशा सक्रिय और अपडेट करना होगा।

इन्हें घर पर रहने की अनुमति नहीं
जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, यह सुविधा एचआईवीग्रस्त, कैंसर उपचाररत, प्रत्यारोपण करवाने वालों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले मरीजों को घर में आइसोलेट होने की अनुमति नहीं है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज, उच्चरक्त चाप, डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी, फेफड़े, यकृत के मरीजों की विस्तृत चिकित्सकीय जांच के बाद ही घर में आइसोलेट करने पर फैसला लिया जाएगा।

अधिकारियों को सूचित करना होगा
मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को समय-समय पर मरीज की स्थिति के बारे में मनपा के सर्वेक्षण अधिकारियों, रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सूचित करना होगा।    

चिकित्सकीय मदद के लिए गाइड लाइन
घर पर आइसोलेट मरीज में बुखार, सांस लेने में परेशानी, ऑक्सीजन के सैचुरेशन में कमी, छाती में दर्द, बेहोश होने, संभ्रम की स्थिति, दौरा पड़ने, पैरों में कमजोरी, चेहरा या ओठ के नीला पड़ने जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकीय मदद की जरूरत होगी।

इनकी होगी जिम्मेदारी
घर में आइसोलेट मरीज की देखभाल की जिम्मेदारी मनपा के स्वास्थ्य विभाग की होगी। सर्वेक्षण टीम समय-समय पर उसकी स्थिति पर नजर रखेगी। कॉल सेंटर के कर्मचारी नियमित रूप से मरीज व परिजन की स्थिति की जानकारी लेंगे और उन्हें सलाह देंगे। उनकी जानकारी कोविड पाेर्टल पर अपडेट की जाएगी। मार्गदर्शन का पालन नहीं करने या मरीज को उपचार की जरूरत पड़ने पर टीम को तत्काल कार्रवाई करनी होगी। 

Created On :   28 July 2020 7:07 AM GMT

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