विवाहिता को आत्महत्या के लिए उकसाते थे पति और ससुराल वाले

डिजिटल डेस्क, मुंबई । विवाहिता को दहेज के लालच में आत्महत्या के लिए उकसाने के 5 आरोपियों से संबंधित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अंतिम सुनवाई का फैसला लिया। आरोपियों में अरुण बारी, पुंडलिक बारी, किसनाबाई वैरागड़े, सुरेश सायरे और शशिकला सायरे का समावेश है। अचलपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 5 जनवरी 2023 को उक्त आरोपियों को निर्दोष बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ मृतका के भाई रामभाऊ कांबले ने हाईकोर्ट की शरण ली है। याचिकाकर्ता के अधि. राजेंद्र डागा ने दलील दी कि, निचली अदालत ने प्रकरण से जुड़े कई अहम सबूतों पर गौर नहीं किया है।
यह है मामला
पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार उनके परिवार की बेटी सुनंदा का अरुण बारी नामक व्यक्ति से वर्ष 1977 में विवाह हुआ था। विवाह में याचिकाकर्ता ने 100 ग्राम सोना और कुछ अन्य वस्तुएं भेंट स्वरूप दी थीं, लेकिन विवाह के बाद से ही पति और ससुराल के अन्य सदस्य सुनंदा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। उसे और दहेज लाने और मायके की संपत्ति में हिस्सा मांगने के लिए प्रताड़ित करने लगे। वर्ष 2005 में उन्होंने महिला को घर से भी निकाल दिया। यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा था, लेकिन इसके बाद बीच-बचाव किया गया। सुनंदा दोबारा ससुराल लौटी, लेकिन प्रताड़ना नहीं रुकी और 7 मई 2013 को सुनंदा ने आत्महत्या कर ली। मृतका के भाई की शिकायत पर पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 306, 34 के तहत मामला दर्ज किया था।
Created On :   18 March 2023 11:15 AM IST












