चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में नहीं है किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप

interference is not in functioning of Election Commission of any political party
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में नहीं है किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में नहीं है किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षे नहीं है। पराज्य चुनाव आयुक्त जेगेश्वर एस. सहारिया राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में "लोकतंत्र, चुनाव व सुशासन" विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।  उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र की सफलता और संविधान में नागरिकों की आस्था कायम रखने के लिए देश में साफ, पारदर्शी और स्वच्छ चुनाव होना जरूरी है। ऐसे चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, जिसे वह देश और विविध राज्यों में बखूबी निभाता है। मौजूदा वक्त में कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली किसी एक खास राजनीतिक दल को फायदा पहुंचा रही है, जो सरासर बेबुनियाद है। चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में सरकार या किसी भी राजनीतिक दल का दखल नहीं है। आयोग एक निष्पक्ष और स्वतंत्र संस्था है, कोई सरकार या दल चाहकर भी इसमें दखल नहीं दे सकता।

उम्मीदवार के खर्च पर है नियंत्रण
सहारिया ने आगे  कहा कि चुनावी नियमों के मुताबिक हर उम्मीदवार को अपने प्रचार में खर्च करने के लिए एक निर्धारित सीमा रखी गई है। उम्मीदवार इससे ज्यादा राशि खर्च नहीं कर सकते। उन्हें अपने चुनावी खर्च का पूरा ब्यौरा चुनाव के 6 माह के भीतर चुनाव आयोग को प्रस्तुत करना पड़ता है।  यही नहीं चुनाव में खड़े उम्मीदवार को जरूरी है कि वह प्रचार के दौरान जनता को अपनी स्वच्छ छवि और किए गए बेहतर कार्यों का लेखाजोखा प्रस्तुत करें। इसके अलावा चुनाव आयोग स्वयं उम्मीदवार की शैक्षणिक पात्रता, संपत्ति और शैक्षणिक पात्रता और आपराधिक मामलों की जानकारी भी जारी करता है।  

सहारिया के अनुसार इन तमाम अंकुशों से चुनावों की पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। इस कार्यक्रम में दिल्ली यूनिवर्सिटी  के आंबेडकर चेयर के प्रोफेसर वालेरियन रोड्रिग्यूस का समारोह में बीजभाषण हुआ।  इस दौरान मंच पर यूनिवर्सिटी प्रकुलगुरु डॉ. रमोद येवले बतौर विशेष अतिथि उपस्थित थे। मंच पर राजनीतिक शास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. मोहन काशिकर और प्राध्यापक डॉ. विकास जांभुलकर की भी उपस्थिति थी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुप्रिया डेविड ने किया।  

Created On :   6 Oct 2018 11:24 AM GMT

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