चालान फर्जी, उठाया 11.78 करोड़ की आईटीसी का लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) की प्रिवेंटिव यूनिट ने केवल कागजाें पर ट्रांजेक्शन दिखाकर सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेने वाले कोराबारी का पर्दाफाश किया है। फर्जी चालान के आधार पर 11 करोड़ 78 लाख 91 हजार 986 रुपए के फर्जी आईटीसी का लाभ उठाया गया था। जीएसटी ने मेसर्स श्री एंटरप्राइजेज (कानूनी नाम : मकवाना विशालभाई हिम्मतभाई) का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया है। मेसर्स श्री एंटरप्राइजेज (कानूनी नाम : मकवाना विशालभाई हिम्मतभाई), एचएसएन 2922, 3004 वाले सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के तहत वर्गीकृत वस्तुओं की व्यापारिक गतिविधियों में लगे हुए हैं, जिसका जीएसटीआईएन संख्या 27GOIPM3135N1ZF है।
अभी वसूली नहीं हो सकी है
सीजीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, मुंबई से मिली जानकारी के आधार पर जीएसटी नागपुर की प्रिवेंटिव यूनिट ने जांच पड़ताल शुरू की, तो चौकानेवाले तथ्य सामने आए। रजिस्ट्रेशन में बताए गए पते पर संबंधित फर्म नहीं है। बिजली बिल पर अंकित विवरण गलत है। केवल कागज पर ट्रांजेक्शन कर सरकार से फर्जी आईटीसी का लाभ उठाया। फर्जी चालान से उठाए गए इस लाभ को दूसरे को ट्रांसफर भी कर दिया। सरकार को 11 करोड़ 78 लाख 91 हजार 986 रुपए का चूना लगाया गया। फर्जी चालान के आधार पर फर्जी आईटीसी की प्राप्ति, उपयोग और पासिंग के संबंध में मेसर्स श्री एंटरप्राइजेज, पीपीओबी ऑफ मेसर्स के खिलाफ एक जांच शुरू की गई थी। सीजीएसटी अधिनियम, 2017 का 67(1) के तहत करदाता की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उक्त उपभोक्ता संख्या के बिजली बिल पर अंकित विवरण गलत है। फर्म को उसके पीपीओबी में गैर-मौजूद पाया गया। खुफिया जानकारी के अनुसार, करदाता ने धोखे से रुपए की आईटीसी का लाभ उठाया था। चोरी पकड़ी गई, हालांकि अभी तक वसूली नहीं हो सकी है। आगे की जांच जारी है।
Created On :   17 March 2023 10:37 AM IST












