सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण में अनियमितता की सीबीआई से हो जांच-सुमारिवाला

Irregularities were carried out during the construction work of synthetic track
सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण में अनियमितता की सीबीआई से हो जांच-सुमारिवाला
सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण में अनियमितता की सीबीआई से हो जांच-सुमारिवाला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ के एकमात्र सिंथेटिक ट्रैक के निर्माणकार्य के दौरान अनियमितताएं बरती गईं। किसी भी स्तर पर तकनीकी अधिकारी की मदद नहीं ली गई। मनमानी ढंग से ट्रैक का निर्माण किया गया। नतीजा यह हुआ कि करोड़ों की लागत से बने ट्रैक की परत पहले ही वर्ष उखड़ गई। यह खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन के अध्यक्ष आदिल सुमारिवाला ने यह बात प्रेस कांफ्रेंस में कही। नागपुर में आयोजित राज्य स्तरीय जूनियर एथलेटिक्स स्पर्धा के उद्घाटन के सिलसिले में सुमारिवाला नागपुर आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैक के निर्माणकार्य के दौरान निश्चित ही नियमों को ताक पर रखा गया। विभाग ने तकनीकी अधिकारी की किसी प्रकार की मदद नहीं ली और अब जांच करने की बात की जा रही है। मुझे लगता है इसके निर्माण के दौरान अनियमितता बरती गई। अधिकारी भी आंखें बंद कर बैठे रहे। मैं निश्चित रूप से इसकी सीबीआई या सीआईडी जांच की मांग कर रहा हूं। 
दोषी कंपनी ब्लैकलिस्ट होनी चाहिए और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

टोक्यो में पदक जीतने का पूरा जोर
एशियन गेम्स में एथलीटों के श्रेष्ठ प्रदर्शन से खुश सुमारिवाला ने कहा कि निश्चत ही हमारे एथलीटों ने बढ़िया प्रदर्शन किया है, लेकिन यह ओलिंपिक में पदक के लिए और जोर लगाने की जरूरत है। फेडरेशन 2020 की योजना में नियमित रूप से कार्य कर रहा है। एथलीटों को विदेशों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षकों का एक पैनल तैयार किया गया है, जो एथलीटों को हर स्तर पर मदद कर रहा है, क्योंकि ओलिंपिक में सबसे अधिक चुनौती होती है।

गलत करने वाले कोच को होगी जेल
अर्जुन पुरस्कार प्राप्त सुमारिवाला ने कहा कि आज की तारीख में डोपिंग एक बहुत बड़ी समस्या है। इसके जाल में आए दिन युवा एथलीट फंस रहे हैं। मेरी नजर में इसके लिए दोषी केवल कोच है, जो खुद की महानता को साबित करने के लिए युवाओं के कैरियर से खिलवाड़ करते हैं। मैंने केन्द्र के पास डोपिंग के अपराध में लिप्त प्रशिक्षकों के लिए जेल की सजा का प्रस्ताव भेजा है। केन्द्रीय खेल मंत्रालय भी इस प्रस्ताव को लेकर सकारात्मक है।

अधिक आयु की समस्या से निजात पाना कठिन
एथलेटिक्स को तकनीकी रूप से बेहतर बनाने के लिए कई सारी निजी एंजेंसियां मेहनत कर रही हैं, लेकिन ओवर एज की समस्या आज भी जस का तस बनी हुई है। मैं खुद उस अंतरराष्ट्रीय संस्था का प्रमुख हूं, जो ओवर एज की समस्या को समाप्त करने की कोशिश में जुटी हुई है, पर स्थानीय स्तर पर संसाधन की कमी के कारण यह प्रभावी रूप से क्रियान्वित नहीं हो पा रहा है।
 

Created On :   23 Oct 2018 5:46 AM GMT

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