बगैर नोटिस दिए कर्मचारी से सीधे वसूली करना सही नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने कर्मचारी से क्वार्टर के किराए के रूप में 12 लाख 79 हजार 583 रुपए की वसूली के आदेश को खारिज किया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि इस तरह बगैर नोटिस दिए कर्मचारी से सीधे वसूली करना सही नहीं है। अधिक से अधिक यह मामला दीवानी न्यायालय में चलाया जा सकता था।
किराया कटता रहा
याचिकाकर्ता सुरेश देऊलकर वर्ष 1990 में महावितरण में कनिष्ठ केमिस्ट पद पर नियुक्त हुए और जुलाई 1996 में कोराडी स्टेशन में उनका तबादला हुआ। यहां उन्हें रहने के लिए एक विभागीय क्वार्टर दिया गया। कुछ वर्ष यहां रहने के बाद वर्ष 2010 में याचिकाकर्ता का परली तबादला हो गया। याचिकाकर्ता परिवार को कोराडी क्वार्टर में छोड़ कर परली की नियुक्ति पर चले गए। उनके वेतन से कोराडी क्वार्टर का किराया कटता रहा। महावितरण ने कोराडी का क्वार्टर खाली करने का कोई आदेश नहीं दिया। वर्ष 2012 में याचिकाकर्ता का खापरखेड़ा तबादला हुआ, तब भी याचिकाकर्ता का परिवार कोराडी के क्वार्टर में ही रहा। वर्ष 2018 में क्वार्टर खाली करके याचिकाकर्ता अपने खुद के घर में शिफ्ट हो गए, लेकिन बात तब बिगड़ी जब 11 फरवरी 2019 को महावितरण के सहायक महाप्रबंधक ने एक पत्र जारी करके क्वार्टर के किराए के 12 लाख 79 हजार 583 रुपए की वसूली निकाली। इसे कर्मचारी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
Created On :   4 April 2023 10:01 AM IST