गांवों के 200 वर्गमीटर के आवास और 40 वर्गमीटर की दुकानों पर नहीं लगेगा भू-राजस्व

Land Revenue will not have on 200 square meters of housing and 40 square meters shops
गांवों के 200 वर्गमीटर के आवास और 40 वर्गमीटर की दुकानों पर नहीं लगेगा भू-राजस्व
गांवों के 200 वर्गमीटर के आवास और 40 वर्गमीटर की दुकानों पर नहीं लगेगा भू-राजस्व

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के ऐसे गांव जो किसी विकास योजना की सीमा के बाहर स्थित हैं, उनमें 200 वर्गमीटर के आवासों और 40 वर्गमीटर की दुकानों पर कोई भू-राजस्व नहीं लगेगा और न ही कोई प्रीमीयम अधिरोपित की जाएगी। यह प्रावधान मप्र भू-राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 के 25 सितम्बर,2018 से प्रवृत्त होने पर लागू होगा। इस संबंध में राज्य के राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

इसी प्रकार, हर साल अप्रैल माह के पहले दिन को उस दिन के रुप में नियत किया गया है जिसको राज्य के भीतर समाविष्ट समस्त क्षेत्रों में राजस्व वर्ष प्रारंभ होगा। यह प्रावधान भी आगामी 25 सितम्बर से प्रभावशील होगा। इसके अलावा पूर्त प्रयोजन के लिए भूमि का उपयोग भी अधिसूचित किया गया है जिसके तहत शारीरिक एवं मानसिक दिव्यांगजनों के लिए संस्थान, अनाथाश्रम, बालिकाओं एवं कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास या वृध्दाश्रम की स्थापना के लिए रियायती दरों पर भूमि दी जाती है। यह प्रावधान भी 25 सितम्बर से लागू होगा। राजस्व विभाग के अंतर्गत नगर सर्वेक्षकों के अन्य कत्र्तव्यों को विहित करने वाले नियम बनाए जाने तक वर्ष 1967 एवं वर्ष 1971 में किए गए संशोधन भी 25 सितम्बर से लागू किए गए हैं।

तीन नवीन प्रावधान भी 25 सितम्बर से लागू होंगे
राज्य सरकार ने तीन और नए प्रावधान भी किए हैं जिन्हें 25 सितम्बर से प्रभावशील किया जाएगा। इनमें पहला प्रावधान स्वयं की कब्जे वाली भूमि से बेदखल किए गए व्यक्ति को वापस उसकी भूमि दिलाने के लिए तहसीलदार अनधिकृत कब्जा न छोडऩे वाले व्यक्ति को जेल भेज सकेगा। दूसरा प्रावधान संभागों, जिलों, उपखण्डों एवं तहसीलों में परिवर्तन या सृजन या उनकी समाप्ति के संबंध में हैं जिसमें इसके लिए प्रक्रिया विहित की गई है तथा उपबंध किया गया है कि नवीन तहसील के सृजन या परिवर्तन में किसी ग्राम पंचायत का सम्पूर्ण क्षेत्र एक तहसील में रखा जाएगा।

तीसरा प्रावधान भू-राजस्व का निर्धारण एवं पुनर्निर्धारण का है जिसमें कहा गया है कि जिन भूमियों पर पहले भू-राजस्व का निर्धारण हो चुका है, उन पर अगले राजस्व वर्ष के प्रारंभ से नई दरों पर भू-राजस्व की दरें लागू होंगी। इस प्रावधान में भूमि के डायवर्सन का भी प्रावधान किया गया है। नगर निगम भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन तथा सभी नगर पालिकाओं में में निवास गृहों व शैक्षणिक प्रयोजना की भूमि पर 2 रुपए प्रति वर्गमीटर, वाणिज्यिक प्रयोजन की भूमि पर 4 रुपए वर्गमीटर, औद्योगिक प्रयोजन जिसमें खनिज भूमि भी शामिल है पर 3 रुपए प्रति वर्गमीटर तथा पूर्त प्रयोजन की भूमि पर 2 रुपए तथा अन्य प्रयोजन की भूमि पर 3 रुपए वर्गमीटर भू-राजस्व लगेगा। नगर परिषदों के क्षेत्रों में यह दरें क्रमश: डेढ़ रुपया, 3 रुपया, 2.25 रुपए, डेढ़ रुपए एवं 2.25 रुपए होगी।

इनका कहना है
‘नया भू-राजस्व संहिता कानून आगामी 25 सितम्बर से लागू होना है और इसी के सिलसिले में ये सभी प्रावधान किए गए हैं।’
- अनुराग सक्सेना, उप सचिव राजस्व विभाग मप्र

Created On :   9 Sep 2018 9:22 AM GMT

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