लॉक डाउन में मजदूरों को भोजन देने की जांच करे विधि सेवा प्राधिकरण-HC

Legal Services Authority HC should check the laboring of workers in lock down
लॉक डाउन में मजदूरों को भोजन देने की जांच करे विधि सेवा प्राधिकरण-HC
लॉक डाउन में मजदूरों को भोजन देने की जांच करे विधि सेवा प्राधिकरण-HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य के 35 जिलों में स्थित जिला विधि सेवा प्राधिकरण को राज्य सरकार के उस दावे का सत्यापन करने का निर्देश दिया है जिसके तहत यह कहा गया है कि सरकार ने पूरे राज्य में प्रवासी व दिहाड़ी मजदूरों के खाद्य सामग्री के वितरण के लिए चार हजार केंद्र बनाए है और वहां 7 लाख मजदूरों को भोजन दिया जाता है। न्यायमूर्ति ए ए सैयद ने यह निर्देश बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। यह याचिका सर्वहारा जन आंदोलन नामक गैर सरकारी संस्था ने दायर की है।

याचिका में मुख्य रूप से सरकार की ओर से 29 व 30 मार्च 2020 को जारी किए गए शासनादेश को चुनौती दी गई है जिसमें गरीबों को दो व पांच रुपये में अनाज देने का प्रावधान किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार का यह शासनादेश केंद्र सरकार की उस योजना के खिलाफ है जिसमें गरीबों के लिए मुफ्त में राशन देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा याचिका में रोजगार गारंटी योजना के तहत पंजीकृत मजदूरों को तीन महीने तक न्यूनतम वेतन देने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है। याचिका में लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को अंशकालिक अवकाश व मेडिकल सुविधाए प्रदान करने की भी मांग की गई है। 

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि सरकार ने अनाज की कालाबाजारी रोकने अनाज वितरण के लिए एक राशि तय की है। उन्होंने कहा कि लाभार्थी का परीक्षण करने के बाद उसे मुफ्त में भी अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने 35 जिलों में मजदूरो को तैयार भोजन व अनाज वितरण के लिए चार हजार केंद्र बनाए हैं। जहां सात लाख मजदूरों को भोजन दिया जाता है। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्त ने हर जिले की विधि सेवा प्राधिकरण को सरकार के मजदूरों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के दावे का सत्यापन करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। हलफनामे में लाभार्थियों व अनाज वितरण का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। 


 

Created On :   8 April 2020 3:49 PM GMT

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