जीवनदायिनी इरई नदी का अस्तित्व खतरे में    

Life-giving Irai rivers existence in danger
जीवनदायिनी इरई नदी का अस्तित्व खतरे में    
चंद्रपुर जीवनदायिनी इरई नदी का अस्तित्व खतरे में    

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर से सटकर बहने वाली इरई नदी शहरवासियों की जीवनदायिनी है। इस पर शहर निर्भर है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण इस जीवनदायिनी इरई नदी का अस्तित्व खतरे में आ गया है। इस कारण इस नदी के संवर्धन को लेकर 22 मार्च जलसंपदा दिवस पर दाताला पुल के नीचे नंगे पैर पदयात्रा कर जलसत्याग्रह किया जाएगा। दौरान गुढ़ीपाड़वा अवसर पर इरई के गहराईकरण की मांग की गुढ़ी भी खड़ी की जाएगी। इरई नदी यह दाताला पुलिया समीप ठक्कर कालोनी के पीछे दो अगल-अलग जगह विभाजित होती। मुख्य प्रवाह देवाड़ी की दिशा में, तो दूसरा प्रवाह शंातिधाम के पीछे से चोराला में संगम होकर आगे हड़स्ती मार्ग पर वर्धा नदी से मिलता है। लेकिन मुख्य प्रवाह पर मलबा जमा होने से पूरी तरह बुझा है। इससे एक बूंद भी पानी इस प्रवाह से नहीं बहता। उलटा शांतिधाम के पीछे का प्रवाह बड़ी मात्रा में बह रहा है। इससे नागरिक उसे ही मुख्य प्रवाह समझ रहे हैं। 2006 व 2013 में मुख्य प्रवाह बुझने से चंद्रपुरवासियों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा था।

 इरई बचाव जनआंदोलन के मांग पर तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ.दीपक म्हैसेकर के सहयोग से 20 मई 2015 को दाताला पुलिया से चोराला पुलिया 2.70 किमी मुख्य प्रवाह का गहराईकरण कार्य की शुरूवात हुई थी। लेकिन बीच में इरई पुनरुज्जीवन के लिए नागपुर मार्ग पुलिया से दाताला पुलिया तक गहराईकरण करने विवश किया गया। जिससे नकाशे में रेखांकित 300 फीट चौड़ी नदी गहरी व चौड़ी न करते हुए 110 फीट चौड़ी कर पैसे खत्म होने का कारण बताकर कार्य बंद किया गया। मुख्य प्रवाह पूर्ण चौड़ा नहीं होना व व 8 वर्ष का कार्यकाल बीत जाना इससे मुख्य प्रवाह पुन: बुझ गया है। दाताला पुलिया से हड़स्ती तक 5 फीट गहरी व 90 मीटर चौड़ाईकरण नहीं हुआ। जिसके 4 वर्ष बाद 1986 व 2006 जैसी बड़ी बाढ़ की स्थिति निर्माण होकर आधा शहर जलमग्न  होने का अंदाजा इरई बचाव जनआंदोलन द्वारा व्यक्त किया जा रहा। आंदोलन से वर्ष 2006, 2013 तथा 2022 की भविष्यवानी सच साबित हुई। पिछले 17 वर्षों से चंद्रपुरवासियों को बाढ़ व इरई मृतप्राय होने से बचाने निवेदन, बैठा सत्याग्रह, पदयात्रा, जलसत्याग्रह कर दाताला पुलिया से हड़स्ती तक क्षेत्र का गहराईकरण की मांग हो रही है। 22 मार्च को जलसंपदा दिवस पर दाताला पुलिया पर पदयत्रा से जलसत्याग्रह आंदोलन किया जा रहा है। साथ ही इरई गहराईकरण की गुढ़ी लगाई जाएगी। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल हाेने का आह्वान जनआंदोलन के संयोजक व वृक्षाई के संस्थापक कुशाब कायरकर ने किया। 

Created On :   16 March 2023 3:07 PM IST

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